नई दिल्ली। किसानों ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अपनी लंबित मांगों को लेकर देशभर के किसान संगठनों ने 7 मई को ‘रेल रोको’ आंदोलन करने का निर्णय लिया है। आंदोलनकारी किसानों का कहना है कि यदि सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी, तो वे 8 मई को एक बार फिर से सड़कों पर उतरेंगे और नाकाबंदी करेंगे।
भारतीय किसान यूनियन सहित कई संगठनों ने यह घोषणा करते हुए कहा कि सरकार लगातार उनकी मांगों को नजरअंदाज कर रही है, जिससे किसानों में भारी असंतोष है।
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मांगों में क्या है प्रमुख मुद्दे? किसानों की मुख्य मांगों में शामिल हैं:
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी
- फसल बीमा में पारदर्शिता और उचित मुआवजा
- बिजली बिल संशोधन प्रस्ताव को रद्द करना
- पुराने किसान आंदोलन के दौरान दर्ज मामलों को वापस लेना
रेल यातायात पर पड़ सकता है असर
7 मई को देश के विभिन्न हिस्सों में रेल ट्रैक पर बैठने की योजना के चलते रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। रेल मंत्रालय ने स्थिति पर नजर रखने और जरूरी स्थानों पर सुरक्षा बढ़ाने की बात कही है।
सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब देखना यह है कि सरकार किसानों की चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेती है। अगर सरकार बातचीत के लिए आगे नहीं आती, तो 8 मई को देशभर में फिर से सड़कों पर जाम की स्थिति बन सकती है।