नई दिल्ली, 7 मई 2025 – दूध के दामों में हुई बढ़ोतरी ने देशभर में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। मदर डेयरी ने दूध के दाम में ₹2 प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी है, जिसका असर सीधे आम जनता की जेब पर पड़ा है। कांग्रेस ने इस निर्णय को लेकर केंद्र सरकार पर सीधा निशाना साधा है और महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरा है।
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कौन से दूध पर कितनी बढ़ोतरी?
दूध का प्रकार | पुराना रेट (₹/लीटर) | नया रेट (₹/लीटर) | बढ़ोतरी |
---|---|---|---|
टोन्ड दूध (थैला) | ₹56 | ₹57 | ₹1 |
डबल टोन्ड दूध | ₹49 | ₹51 | ₹2 |
फुल क्रीम दूध | ₹64 | ₹66 | ₹2 |
स्रोत: मदर डेयरी ऑफिशियल वेबसाइट
कांग्रेस का आरोप: महंगाई की मार
कांग्रेस ने दूध की कीमतों में बढ़ोतरी को आम आदमी पर “सीधी मार” करार दिया है। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा:
“मोदी सरकार हर मोर्चे पर फेल हो रही है। आज दूध, कल दवा, फिर पेट्रोल – ये सिलसिला कब रुकेगा?”
दिल्ली, लखनऊ, पटना और जयपुर जैसे कई शहरों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए और “महंगाई सरकार वापस जाओ” जैसे नारे लगाए।
आम जनता परेशान
दूध की कीमतों में बढ़ोतरी का सीधा असर हर घर पर पड़ा है। दिल्ली की एक गृहिणी सरिता देवी कहती हैं:
“हमारे घर में रोज़ाना 3 लीटर दूध लगता है। महीने में अब ज्यादा खर्च होंगे। पहले से ही सब्जी, गैस, आटा सब महंगा हो गया है।”
कंपनियों का क्या कहना है?
मदर डेयरी के अधिकारियों ने इस बढ़ोतरी का कारण इनपुट कॉस्ट (खरीद, चारा, ट्रांसपोर्ट) में आई तेजी को बताया है। कंपनी ने एक बयान में कहा:
“हमने यह फैसला किसानों को न्यायसंगत मूल्य देने और अपने संचालन की लागत को संतुलित करने के लिए लिया है।”
केंद्र सरकार का जवाब
केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार दूध की कीमतें नियंत्रित नहीं करती, बल्कि ये निर्णय निजी डेयरी कंपनियों द्वारा बाजार की परिस्थितियों को देखते हुए लिए जाते हैं। सरकार ने यह भी बताया कि किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से डेयरी क्षेत्र को प्रोत्साहन मिल रहा है।
विपक्ष की रणनीति
विश्लेषकों का मानना है कि दूध की कीमतों में बढ़ोतरी जैसे मुद्दे कांग्रेस आगामी चुनावों में जोर-शोर से उठाएगी। राजनीतिक विश्लेषक आलोक रंजन कहते हैं:
“महंगाई एक ऐसा मुद्दा है जो हर वर्ग को प्रभावित करता है। दूध जैसे उत्पाद की बढ़ी कीमत सरकार विरोधी माहौल को और भड़का सकती है।”
अतीत में भी हुए हैं ऐसे विरोध
वर्ष | बढ़ोतरी | विपक्ष की प्रतिक्रिया |
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2019 | ₹2 | सड़कों पर विरोध |
2022 | ₹2 | ट्विटर पर ट्रेंड चला |
2025 | ₹2 | धरना-प्रदर्शन और नारेबाज़ी |
दूध की कीमत में दो रुपए की यह मामूली बढ़ोतरी भी आम जनता के लिए बड़ी चिंता बन गई है। कांग्रेस जैसे विपक्षी दल इसे राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, वहीं केंद्र सरकार इसे बाजार की प्राकृतिक चाल बता रही है। महंगाई के इस दौर में दूध भी राजनीति का केंद्र बिंदु बनता जा रहा है।