दिल्ली: देश की राजधानी में प्रदूषण पर काबू पाने और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने की दिशा में दिल्ली सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। जल्द ही दिल्ली में पेट्रोल और CNG चालित ऑटो व टू-व्हीलर वाहनों के नए रजिस्ट्रेशन पर बैन लग सकता है। यानी, दिल्ली में अब सिर्फ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) को ही खरीदने और रजिस्टर कराने की अनुमति होगी।
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ऑटो-बाइक पर बैन क्या है नई नीति?
दिल्ली सरकार ने नई इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इसके अनुसार 15 अगस्त 2026 से:
- पेट्रोल और CNG चालित दो-पहिया, तीन-पहिया और चार-पहिया वाहनों के नए रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाई जाएगी।
- दिल्ली में केवल इलेक्ट्रिक वाहनों को ही खरीदने की अनुमति होगी।
- यह नियम ट्रांसपोर्ट सेक्टर, वेस्ट मैनेजमेंट व्हीकल्स और डिलीवरी व्हीकल्स पर भी लागू होगा।
- दिल्ली में इंटरस्टेट बसें भी अब सिर्फ इलेक्ट्रिक या CNG आधारित होंगी।
- 50% से अधिक प्रदूषण में कमी का दावा इस नीति के ज़रिए किया जा रहा है।
प्रदूषण से जुड़े आंकड़े:
वाहन का प्रकार | प्रदूषण का स्तर | EV से तुलना में कटौती |
---|---|---|
पेट्रोल टू-व्हीलर | 60-80 ग्राम CO2/किमी | 90% तक कम |
CNG ऑटो | 100-120 ग्राम CO2/किमी | 70% तक कम |
पेट्रोल कार | 180-250 ग्राम CO2/किमी | 80% तक कम |
इलेक्ट्रिक वाहन | 0 ग्राम CO2/किमी | 100% ग्रीन |
सरकारी रिपोर्ट्स के अनुसार:
दिल्ली में वाहनों से होने वाला प्रदूषण कुल वायु प्रदूषण का 38% है, जिसमें सबसे ज्यादा योगदान टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर का है।
Auto-Bike Ban in Delhi News सरकार का बयान:
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार,
“हमारी कोशिश है कि दिल्ली को 2030 तक पूरी तरह इलेक्ट्रिक व्हीकल सिटी बनाया जाए। नई पॉलिसी इसी दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे ना सिर्फ प्रदूषण कम होगा, बल्कि फ्यूल इम्पोर्ट पर निर्भरता भी घटेगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।“
वेस्ट मैनेजमेंट व्हीकल्स भी होंगे इलेक्ट्रिक
नई नीति में यह भी तय किया गया है कि नगर निगम के सफाई और कूड़ा उठाने वाले वाहन भी अब इलेक्ट्रिक होंगे। इससे सड़कों पर इन वाहनों से निकलने वाले धुएं से निजात मिलेगी।
फायदे क्या होंगे?
- प्रदूषण में 50% तक कमी
- ईंधन पर खर्च में भारी कटौती
- बेहतर स्वास्थ्य और स्वच्छ हवा
- कार्बन एमिशन में भारी कमी
- देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट
क्या होगा अगला कदम?
नई इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति का ड्राफ्ट लगभग तैयार हो चुका है। जल्द ही इसे कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
दिल्ली सरकार का यह कदम वाकई क्रांतिकारी साबित हो सकता है। अगर नीति सफल होती है, तो यह पूरे देश के लिए एक मिसाल बन सकती है। अब देखना होगा कि जनता इस बदलाव को कैसे अपनाती है।