नोएडा के सेक्टर 63 में चल रहे एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने 19 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये गिरोह विदेशी नागरिकों को निशाना बनाकर उनके कंप्यूटर सिस्टम से छेड़छाड़ कर उन्हें ठगता था। केंद्रीय नोएडा के पुलिस उपायुक्त शक्ति मोहन अवस्थी ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि इस गिरोह का पर्दाफाश पिछले हफ्ते देर रात सेक्टर 63 के बी-87, ब्लॉक एच में स्थित एक कॉल सेंटर पर छापेमारी के दौरान किया गया। छापेमारी में 14 पुरुष और 5 महिलाएं गिरफ्तार की गईं।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कबूल किया कि वे विदेशी नागरिकों के कंप्यूटर सिस्टम में बग्स भेजते थे, जिससे उनके कंप्यूटर या लैपटॉप ठीक से काम करना बंद कर देते थे। इसके बाद पीड़ितों को एक पॉप-अप संदेश भेजा जाता था, जिसमें उनसे एक लिंक के जरिए संपर्क करने को कहा जाता था। आईवीआर कॉलिंग के माध्यम से हुए इस संवाद से वे पीड़ित का विश्वास जीतते थे और सॉफ्टवेयर व रिमोट कंट्रोल टूल्स का उपयोग कर उनके बैंक खाते की जानकारी हासिल कर लेते थे।
अवस्थी ने बताया कि आरोपियों ने अमेरिकी संघीय रिजर्व के नाम से फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर पीड़ितों को ठगा और उन्हें क्रिप्टोकरेंसी अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया। कॉल खत्म होते ही, डेटा को पूरी तरह से मिटा दिया जाता था ताकि किसी तरह के सबूत न बचे।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने 38 लैपटॉप्स और चार्जर्स, चार ईथरनेट मीडिया कन्वर्टर्स, चार राउटर्स, 30 हेडफोन्स, 11 आईडी कार्ड्स, एक फर्जी संघीय रिजर्व दस्तावेज और छह मोबाइल फोन जब्त किए।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये ठगी अभियान अमेरिकी नागरिकों को लक्षित करता था, जहां उन्हें सोशल सिक्योरिटी से जुड़े अपराधों का डर दिखाया जाता था। सेंटर के मालिक ने इन गतिविधियों की योजना बनाई थी और वह कंप्यूटर को रिमोटली नियंत्रित करके उन्हें चलाता था। इसके साथ ही, धोखाधड़ी से जुड़ा सॉफ्टवेयर और आईपी एड्रेस मुहैया कराया जाता था।
आरोपियों के खिलाफ धारा 319(2) (प्रतिरूपण), 318(4) (धोखाधड़ी), 316(2) (विश्वास का आपराधिक उल्लंघन), 338 (जालसाजी), 336(3) (इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स की जालसाजी), 340(2) (जाली दस्तावेज का असली के रूप में इस्तेमाल), 61(2) (आपराधिक साजिश), 111 (संगठित अपराध) और आईटी एक्ट की धारा 66डी (कंप्यूटर संसाधन का उपयोग कर धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस छापेमारी के बाद पुलिस को उम्मीद है कि इस गिरोह द्वारा की गई ठगी की अन्य घटनाओं का भी पर्दाफाश होगा।