नई दिल्ली, 23 फरवरी 2025 – सीमा शुल्क अधिकारियों ने इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI), नई दिल्ली में एक बड़ी वन्यजीव तस्करी की कोशिश को नाकाम किया। विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर, तीन भारतीय पुरुष यात्रियों को उनके चेक-इन बैगेज में विदेशी वन्यजीव प्रजातियों की तस्करी करने के प्रयास में पकड़ा गया। ये यात्री बैंकॉक, थाईलैंड से AI 303 फ्लाइट से आए थे और 23 फरवरी 2025 को सुबह 1:35 बजे रोके गए।
Table of Contents
बरामद किए गए वन्यजीव प्रजातियां
सीमा शुल्क अधिकारियों ने कई दुर्लभ और विदेशी प्रजातियों को बरामद किया, जिनमें सांप, छिपकलियां और अन्य जीव शामिल हैं। नीचे बरामद जीवों की विस्तृत सूची दी गई है:
श्रेणी | प्रजाति | संख्या |
---|---|---|
सांप | कॉर्न स्नेक | 5 |
मिल्क स्नेक | 8 | |
बॉल पायथन | 9 | |
छिपकलियां | बियर्डेड ड्रैगन | 4 |
क्रेस्टेड ज्योको | 7 | |
कैमरून ड्वार्फ ज्योको | 11 | |
ज्योको | 1 | |
अन्य | मिलीपीड्स | 14 |
मकड़ी | 1 |
जब्त किए गए वन्यजीवों को संबंधित अधिकारियों को सौंप दिया गया और तीनों यात्रियों से आगे की पूछताछ की जा रही है।
सीमा शुल्क अधिकारियों की भूमिका
सीमा शुल्क अधिकारी वन्यजीव तस्करी को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो एक वैश्विक समस्या बन चुकी है। यह अवैध व्यापार जैव विविधता के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है और आर्थिक तथा कानूनी मुद्दों को जन्म देता है। यह मामला भारतीय सीमा शुल्क अधिकारियों की सतर्कता और प्रभावशीलता को दर्शाता है।
वन्यजीव तस्करी के प्रभाव
वन्यजीव तस्करी एक बहु-अरब डॉलर का उद्योग है और दुनिया के सबसे बड़े अवैध व्यापारों में से एक है। विश्व वन्यजीव कोष (WWF) के अनुसार, अवैध वन्यजीव व्यापार का वैश्विक बाजार $20 बिलियन प्रति वर्ष का है। इसके गंभीर परिणामों में शामिल हैं:
- लुप्तप्राय प्रजातियों पर खतरा – तस्करी के कारण कई प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं।
- पारिस्थितिक असंतुलन – प्राकृतिक आवासों से जीवों को हटाने से पर्यावरण संतुलन प्रभावित होता है।
- स्वास्थ्य जोखिम – तस्करी किए गए जीव ज़ूनोटिक बीमारियों के वाहक हो सकते हैं, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है।
- आर्थिक नुकसान – अवैध शिकार और व्यापार के कारण देशों को करोड़ों रुपये का नुकसान होता है।
भारत में वन्यजीव तस्करी रोकने के प्रयास
भारतीय सरकार ने वन्यजीव तस्करी को रोकने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं: ✔ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 – तस्करों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करता है। ✔ CITES समझौता – भारत इस अंतरराष्ट्रीय संधि का हिस्सा है, जो वैश्विक सहयोग को मजबूत करता है। ✔ हवाई अड्डों पर निगरानी बढ़ाई गई – अत्याधुनिक स्कैनिंग और एआई-आधारित ट्रैकिंग सिस्टम लागू किए जा रहे हैं।
अंतिम संदेश: वन्यजीव तस्करी के प्रति जीरो टॉलरेंस
सीमा शुल्क अधिकारियों की तेज़ कार्रवाई यह स्पष्ट संदेश देती है – भारत में वन्यजीव तस्करी के लिए कोई स्थान नहीं है। इस अवैध व्यापार के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए जन जागरूकता और सख्त कानून आवश्यक हैं। यात्रियों को सचेत रहने और वन्यजीवों की अवैध खरीद-फरोख्त से बचने की सलाह दी जाती है, अन्यथा कठोर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
✅ सीमा शुल्क अधिकारियों की सतर्कता वन्यजीव तस्करी को रोकने और जैव विविधता की रक्षा करने के लिए जारी रहेगी!