नोएडा में एक फर्जी कॉल सेंटर के जरिए 200 से अधिक लोगों को लोन दिलाने के नाम पर ठगा गया। पुलिस ने रविवार को कार्रवाई करते हुए इस गिरोह का पर्दाफाश किया और सरगना समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया।
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पुलिस कार्रवाई में बरामद सामान
पुलिस ने छापेमारी के दौरान चार लैपटॉप, 14 मोबाइल फोन, एक प्रिंटर, 18 चेकबुक, 50 विजिटिंग कार्ड और नौ मोहरें बरामद कीं। सेक्टर-63 और सेंट्रल नोएडा साइबर टीम की संयुक्त कार्रवाई में यह सफलता मिली।
लोन दिलाने के नाम पर ठगी
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी के अनुसार, आरोपियों ने “मनी ऑन नवाकर” नाम की फर्जी कंपनी के जरिए सोशल मीडिया पर प्रचार कर लोगों को मामूली ब्याज दर पर लोन दिलाने का झांसा दिया। इच्छुक लोग जब उनसे संपर्क करते तो प्रोसेसिंग फीस और सर्विस चार्ज के नाम पर पैसा लिया जाता था। लेकिन पैसा ट्रांसफर कराने के बाद लोन स्वीकृत नहीं किया जाता था।
धोखाधड़ी के लिए बनाई तीन कंपनियां
एसीपी राजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि आरोपियों ने “मनी ऑन नवाकर फाइनेंशियल सर्विसेज,” “मनी वन मैनेजमेंट सर्विसेज” और “नवाकर फाइनविजन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड” नाम से तीन फर्जी कंपनियां बना रखी थीं। वे एक सप्ताह के अंदर लोन दिलाने का दावा कर ग्राहकों से मूल दस्तावेज और कुल लोन की तीन प्रतिशत राशि वसूलते थे। इसके अलावा 18 प्रतिशत जीएसटी भी ऑनलाइन ट्रांसफर करवाते थे। बाद में ग्राहकों को उनका सिविल स्कोर खराब बताकर लोन देने से मना कर देते थे।
अन्य राज्यों के लोगों को बनाया निशाना
आरोपी यूपी के दूर-दराज जिलों और अन्य राज्यों के लोगों को निशाना बनाते थे। पैसे ट्रांसफर करने के बाद पीड़ितों की कॉल उठाना बंद कर देते थे और कुछ समय बाद नंबर बंद कर देते थे। उन्होंने अब तक 200 से अधिक लोगों से ठगी की बात स्वीकार की है।
कई साइबर शिकायतें दर्ज
आरोपियों के बैंक खातों की जांच में पता चला कि एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक में तीन साइबर शिकायतें गुजरात और मध्य प्रदेश से दर्ज हैं। कोटक महिंद्रा बैंक और फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक में भी कई साइबर शिकायतें मिली हैं।
आरोपियों पर केस दर्ज
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (जालसाजी), 471 (फर्जी दस्तावेज का उपयोग), और 120B (आपराधिक साजिश) के तहत केस दर्ज किया है। इसके अलावा आईटी एक्ट की धारा 66D (कंप्यूटर संसाधनों का उपयोग कर धोखाधड़ी) भी जोड़ी गई है।
पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है और आरोपियों के आपराधिक इतिहास को खंगाल रही है।