मोहाली। हाल ही में मोहाली स्थित मोमोज फैक्ट्री (Momos Factory Mohali) में मिले मांस के टुकड़े को लेकर उठे विवाद पर अब प्रशासन ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। विशेषज्ञों द्वारा की गई जांच में यह पाया गया कि वह मांस कुत्ते का नहीं, बल्कि बकरी या बकरे का था। इस बात की पुष्टि खुद मोहाली की डिप्टी कमिश्नर (DC) कोमल मित्तल ने की है।
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विशेषज्ञों ने की जांच
जांच टीम ने जब्त किए गए मांस के टुकड़े का बारीकी से निरीक्षण किया। बताया जा रहा है कि यह टुकड़ा करीब आधा किलो वजन का था और इसका आकार 10 इंच लंबा व 6 इंच चौड़ा था। विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया कि यह आकार और संरचना कुत्ते के मांस से मेल नहीं खाती, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह बकरे या बकरी का मांस था।
सोशल मीडिया पर फैली थी अफवाह
मांस के टुकड़े को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें फैलाई जा रही थीं, जिसमें यह दावा किया जा रहा था कि मोमोज फैक्ट्री में कुत्ते का मांस इस्तेमाल किया जा रहा है। इस खबर के बाद शहर में हड़कंप मच गया था और लोगों में आक्रोश की लहर दौड़ गई थी। लेकिन प्रशासन द्वारा जारी जांच रिपोर्ट ने इन अफवाहों को गलत साबित कर दिया है।
प्रशासन ने की लोगों से अपील
डीसी कोमल मित्तल ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और बिना किसी ठोस प्रमाण के किसी भी जानकारी को सच न मानें। उन्होंने कहा कि प्रशासन इस मामले को लेकर पूरी तरह सतर्क है और अगर कोई भी कानून का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
फैक्ट्री संचालक ने ली राहत की सांस
जांच रिपोर्ट आने के बाद Momos Factory Mohali के मालिक ने राहत की सांस ली है। उन्होंने कहा कि यह मामला उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाला था, लेकिन अब सच्चाई सामने आ गई है। उन्होंने प्रशासन और जांच टीम का धन्यवाद किया और भरोसा दिलाया कि वे हमेशा खाद्य सुरक्षा नियमों का पालन करेंगे।
निष्कर्ष
इस मामले में उठे विवाद के बाद अब प्रशासन की जांच रिपोर्ट ने सच्चाई को उजागर कर दिया है। यह घटना एक बार फिर यह सबक देती है कि किसी भी वायरल खबर पर आंख मूंदकर भरोसा करने के बजाय पहले उसकी सत्यता की जांच कर लेनी चाहिए।