दिल्ली की साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में खाने को लेकर छात्रों के दो गुटों में मारपीट..व्रत के खाने और नॉनवेज खाने पर हुआ विवाद। यह घटना दिल्ली में स्थित साउथ एशियन यूनिवर्सिटी (SAU) में सामने आई, जहां कैंपस में खाने की पसंद को लेकर छात्रों के दो गुट आपस में भिड़ गए। यह मामला सिर्फ विवाद तक सीमित नहीं रहा, बल्कि बात मारपीट तक पहुंच गई, जिससे यूनिवर्सिटी प्रशासन पर भी सवाल उठने लगे हैं।
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क्या है पूरा मामला?
दिल्ली की साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में खाने को लेकर छात्रों के दो गुटों में मारपीट..व्रत के खाने और नॉनवेज खाने पर हुआ विवाद। यह विवाद तब शुरू हुआ जब कैंटीन में व्रत रखने वाले छात्रों ने व्रत का खाना मांगा और वहीं दूसरी ओर कुछ छात्र नॉनवेज खाना खाने की मांग करने लगे। देखते ही देखते बहस इतनी बढ़ गई कि दोनों पक्षों में हाथापाई शुरू हो गई।
छात्रों की प्रतिक्रिया
कई छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी में हर धर्म और संस्कृति के छात्रों को सम्मान मिलना चाहिए। SAU में भारत समेत नेपाल, श्रीलंका, अफगानिस्तान और भूटान जैसे देशों के छात्र पढ़ते हैं। ऐसे में फूड मेन्यू को लेकर सभी की भावनाओं का ध्यान रखना जरूरी है।
प्रशासन की भूमिका पर सवाल
यूनिवर्सिटी प्रशासन की जिम्मेदारी है कि ऐसा माहौल तैयार किया जाए, जहां सभी छात्रों को उनके भोजन और धार्मिक आस्थाओं के अनुसार सुविधा मिले। एक्सपर्ट्स का मानना है कि SAU जैसे अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में फूड डाइवर्सिटी पॉलिसी (Food Diversity Policy) बनाना बेहद जरूरी है, जिससे भविष्य में ऐसे विवाद न हों।
छात्रों का पक्ष क्या है?
कुछ छात्रों का कहना है कि व्रत रखने वालों के लिए स्पेशल खाना होना चाहिए, जबकि दूसरे गुट के छात्रों का तर्क है कि नॉनवेज खाना भी उनकी पसंद है और इसे रोकना उनके अधिकार का हनन है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद जांच कमेटी गठित कर दी है।
छात्रों की सुरक्षा भी जरूरी
विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे विवादों से छात्रों की सुरक्षा पर भी असर पड़ता है। कैंपस में हिंसा न केवल शैक्षणिक माहौल खराब करती है बल्कि बाहरी छवि भी प्रभावित होती है।
क्या कहता है कानून?
भारत के संविधान के तहत हर व्यक्ति को अपने भोजन का चयन करने की आजादी है। साथ ही, शैक्षणिक संस्थानों की जिम्मेदारी है कि वे सभी धर्मों और संस्कृतियों का सम्मान करें और एक Inclusive Environment बनाएं।
समाधान क्या है?
संभावित समाधान | विवरण |
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फूड डाइवर्सिटी पॉलिसी | सभी धर्मों और आस्थाओं को ध्यान में रखते हुए मेन्यू तैयार करना |
डायलॉग और वर्कशॉप | छात्रों के बीच संवाद बढ़ाना, सांस्कृतिक विविधता पर वर्कशॉप आयोजित करना |
शिकायत निवारण तंत्र | किसी भी फूड विवाद को तुरंत सुलझाने के लिए हेल्पलाइन बनाना |
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
शिक्षाविदों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय कैंपस में इस तरह के विवाद बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं। South Asian University जैसी संस्था, जहां विविध देशों के छात्र पढ़ते हैं, वहां प्रशासन को प्रो-एक्टिव होकर सभी संस्कृतियों का सम्मान करना चाहिए।
नतीजा क्या होगा?
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है और दोनों गुटों से लिखित बयान मांगे गए हैं। उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे विवाद न दोहराए जाएं और सभी छात्रों को समान सम्मान मिले।
निष्कर्ष
दिल्ली की साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में खाने को लेकर छात्रों के दो गुटों में मारपीट..व्रत के खाने और नॉनवेज खाने पर हुआ विवाद। यह घटना न केवल भोजन की पसंद का मुद्दा है, बल्कि कैंपस में धार्मिक समरसता और सांस्कृतिक सम्मान की भी परीक्षा है। समय रहते प्रशासन को ठोस कदम उठाने की जरूरत है ताकि SAU जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की गरिमा बनी रहे और सभी छात्र एक सुरक्षित व समावेशी माहौल में शिक्षा प्राप्त कर सकें।