नई दिल्ली, 30 अप्रैल 2025 – दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में कल ‘Run for One Nation, One Election’ नाम से होने जा रही मैराथन एक नई बहस की वजह बन गई है। विश्वविद्यालय की खेल सुविधाओं की बदहाली को लेकर छात्रों में गहरी नाराज़गी है। छात्र नेताओं का कहना है कि जब बुनियादी खेल ढांचा ही नहीं है, तो ऐसे प्रतीकात्मक आयोजनों का क्या औचित्य रह जाता है?
इस मुद्दे को सबसे मुखर तरीके से उठाया है दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष रोनक खत्री ने। उन्होंने न केवल मैराथन आयोजन की प्रक्रिया पर सवाल उठाए, बल्कि विश्वविद्यालय प्रशासन को खेल ढांचे को लेकर खुली बहस की चुनौती भी दी है।
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रोनक खत्री का तीखा हमला:
“VC साहब, ज़रा Sports Infrastructure पर भी ध्यान दीजिए!
कॉलेजों के ग्राउंड लीज़ पर हैं, फुटबॉल ग्राउंड में गोलपोस्ट पर नेट नहीं, पोलो ग्राउंड में लाइट नहीं!”
खत्री ने कहा कि उन्होंने कई बार इन समस्याओं की जानकारी प्रशासन को दी है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उन्होंने कहा कि DU जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में खेल सुविधाओं की यह हालत शर्मनाक है।
बिना सूचना के मैराथन पर नाराज़गी
खत्री का कहना है कि इस मैराथन की सूचना विश्वविद्यालय की खेल टीमों या छात्र संगठनों को औपचारिक रूप से नहीं दी गई।
“हम छात्रों को न कोई नोटिस मिला, न ही हमारी भागीदारी सुनिश्चित की गई। DU में इतने छात्र खेलों में हिस्सा लेते हैं, फिर उन्हें नज़रअंदाज़ क्यों किया गया?“
खुली बहस की चुनौती: “पहले खेल सुधारो, फिर राजनीति करो”
DUSU अध्यक्ष ने विश्वविद्यालय प्रशासन को खुली डिबेट की चुनौती दी है। उन्होंने कहा, “One Nation One Election पर दौड़ कराने से पहले One University One Playground सुनिश्चित करें। जब तक हमारे स्टेडियम खाली, कोच नहीं और सुविधाएं बदहाल हैं – तब तक DU shine नहीं करेगा।”
दिल्ली विश्वविद्यालय (North Campus) में खेल सुविधाओं की स्थिति:
सुविधा | स्थिति |
---|---|
कॉलेजों में जिम | केवल 3-4/12 कॉलेजों में |
पेशेवर कोच | 65% कॉलेजों में नहीं |
पोलो ग्राउंड/स्टेडियम | अधिकतर समय बंद या प्राइवेट इवेंट्स के लिए |
फुटबॉल गोलपोस्ट | अधिकतर जगह नेट नहीं |
खेल बजट | वर्षों से अपरिवर्तित |
DU को स्पोर्ट्स के लिए बेहतर बनाने के 6 ज़रूरी कदम:
- ⚽ सभी ग्राउंड्स में लाइट्स और सुरक्षा व्यवस्था लगाई जाए
- 🏋️♂️ हर कॉलेज में मॉडर्न जिम और फिटनेस सेंटर बनाए जाएं
- 🏏 खेलों के लिए विशेषज्ञ कोचों की नियुक्ति हो
- 💸 खेल बजट में पारदर्शिता और वृद्धि की जाए
- 🕹 पोलो ग्राउंड जैसे स्पोर्ट्स एरिया को नियमित छात्र उपयोग के लिए खोला जाए
- 🏆 सालाना इंटर-कॉलेज स्पोर्ट्स टूर्नामेंट्स अनिवार्य किए जाएं
विश्लेषण: क्या DU खेलों में पिछड़ रहा है?
जहां एक ओर JNU और BHU जैसे विश्वविद्यालयों में खेलों के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं, वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय अब भी बुनियादी संरचनाओं के लिए जूझ रहा है। छात्र नेता यह भी मांग कर रहे हैं कि DU को राष्ट्रीय खेल नीति के तहत अनुदान दिलाया जाए और राष्ट्रीय स्तर की यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स लीग में भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
रोनक खत्री का संदेश:
“केवल दौड़ मत कराइए, DU को खेलों में दौड़ने लायक भी बनाइए। नारे नहीं, सुविधाएं चाहिए। तभी दिल्ली विश्वविद्यालय असल मायनों में चमक पाएगा।“
आपके विचार क्या हैं?
क्या आपके कॉलेज में भी खेल सुविधाएं नहीं हैं? क्या आपने कभी इन समस्याओं का सामना किया है?