दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने निजी स्कूलों की फीस वृद्धि और मनमानी के खिलाफ नया कानून बनाने का ऐलान किया है। इस कदम से लाखों अभिभावकों को राहत मिलने की उम्मीद है।
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मनीष सिसोदिया के आरोप
दरअसल, दिल्ली के निजी स्कूलों में फीस बढ़ोतरी को लेकर आम आदमी पार्टी ने भाजपा सरकार पर करारा हमला बोला था। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रेखा सरकार पर स्कूलों को खुली छूट देने की बात कही थी।
उधर, दूसरी ओर श्रीजन पैरेंट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सीएम रेखा गुप्ता से मिलकर निजी स्कूलों पर नए शैक्षणिक सत्र बेवजह 20 प्रतिशत तक फीस बढ़ाने का आरोप लगाया। अभिभावकों का कहना था कि स्कूलों ने ट्यूशन फीस के अलावा वार्षिक शुल्क और विकास शुल्क भी बढ़ा दिया है। इससे अभिभावकों पर आर्थिक दबाव बढ़ गया है।
फीस बढ़ोतरी पर मुख्यमंत्री एक्शन मोड में
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अभिभावकों को आश्वस्त किया है कि गैर-कानूनी तरीके से फीस बढ़ाने वाले स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षा का व्यवसायीकरण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अभिभावकों द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दे:
- कई स्कूलों द्वारा गैरकानूनी तरीके से फीस बढ़ाई जा रही है
- भुगतान के लिए जबरन दबाव डाला जा रहा है
- किताबें, यूनिफॉर्म और स्टेशनरी की अनिवार्य खरीदारी की शर्तें थोपी जा रही हैं
- डिजिटल भुगतान पर रोक लगाई जा रही है
- फीस न भरने पर विद्यार्थियों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है
- नए शैक्षणिक सत्र में बेवजह 20 प्रतिशत तक फीस बढ़ा दी गई है
- वार्षिक शुल्क और विकास शुल्क में भी अनुचित वृद्धि की गई है
सीएम रेखा गुप्ता का नया कदम
मुख्यमंत्री ने अभिभावकों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए नए कानून का प्रस्ताव रखा है, जिससे स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाया जा सके। इस कदम से दिल्ली के लाखों अभिभावकों को राहत मिलने की उम्मीद है।
“हम ‘आप’ सरकार की तरह गलती नहीं करेंगे”
सीएम रेखा गुप्ता ने महिला समृद्धि योजना पर भी बड़ा अपडेट दिया और कहा कि उनकी सरकार पिछली ‘आप’ सरकार की तरह गलतियां नहीं करेगी। उन्होंने अभिभावकों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर करने का आश्वासन दिया है