You are currently viewing शैक्षिक उत्कृष्टता के बावजूद बेरोजगारी का सामना: बिस्मा फरीद की कहानी ने खड़ा किया बड़ा सवाल

शैक्षिक उत्कृष्टता के बावजूद बेरोजगारी का सामना: बिस्मा फरीद की कहानी ने खड़ा किया बड़ा सवाल

नई दिल्ली: लिंक्डइन पर एक युवा छात्रा बिस्मा फरीद की पोस्ट ने हाल ही में सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। बिस्मा ने अपनी पोस्ट में खुलकर बताया कि कैसे उन्होंने पढ़ाई के दौरान कई मेडल, प्रमाण पत्र और अकादमिक सम्मान प्राप्त किए, इसके बावजूद वह आज तक न तो कोई इंटर्नशिप हासिल कर पाई हैं और न ही नौकरी।

यह मामला एक बड़ी हकीकत को उजागर करता है – क्या भारत की शिक्षा प्रणाली आज की नौकरी की दुनिया की ज़रूरतों को पूरा कर रही है?


जब डिग्री ही काफी नहीं होती

बिस्मा की पोस्ट को हज़ारों लोगों ने देखा और सैकड़ों ने समर्थन किया। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर एक होनहार छात्रा भी नौकरी पाने में विफल है, तो दोष किसका है – सिस्टम का, या स्किल्स का?

READ  शिक्षा सलाहकार ज्योति अरोड़ा को 'एक नारी 100 पे भारी' पुरस्कार से नवाजा गया

विशेषज्ञों का मानना है कि आज का जॉब मार्केट सिर्फ नंबरों या डिग्रियों से प्रभावित नहीं होता। कंपनियों को ऐसे उम्मीदवार चाहिए जो प्रैक्टिकल स्किल्स, इंडस्ट्री नॉलेज और सॉफ्ट स्किल्स में भी माहिर हों।


पढ़ाई में अव्वल, फिर भी नौकरी से दूर – क्या कारण हैं?

  1. सिर्फ किताबी ज्ञान – कॉलेजों में अब भी थ्योरी पर ज़ोर है, जबकि कंपनियां रियल वर्ल्ड अनुभव चाहती हैं।
  2. इंटर्नशिप या प्रोजेक्ट्स की कमी – अनुभव के बिना रिज़्यूमे अधूरा लगता है।
  3. सॉफ्ट स्किल्स की अनदेखी – टीमवर्क, कम्युनिकेशन और लीडरशिप जैसी स्किल्स की कमी उम्मीदवार को कमजोर बनाती है।
  4. शिक्षा और उद्योग के बीच दूरी – कॉलेज का पाठ्यक्रम इंडस्ट्री की ज़रूरतों के साथ मेल नहीं खाता।

समाधान क्या है? – युवाओं के लिए 4 जरूरी सुझाव

  1. प्रैक्टिकल स्किल्स सीखें:
    ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स जैसे Coursera, Udemy, और LinkedIn Learning का उपयोग कर प्रोजेक्ट-बेस्ड स्किल्स सीखें।
  2. प्रोफेशनल नेटवर्किंग करें:
    LinkedIn पर एक्टिव रहें, इंडस्ट्री के लोगों से जुड़ें और गाइडेंस लें।
  3. इंटर्नशिप व वॉलंटियरिंग करें:
    अनुभव के लिए छोटी इंटर्नशिप या सामाजिक संगठनों में वॉलंटियरिंग करें।
  4. जॉब एप्लिकेशन स्मार्टली करें:
    हर जॉब के लिए अलग से रेज्यूमे और कवर लेटर तैयार करें जो उस भूमिका के लिए उपयुक्त हो।
READ  7 Best Tips to Choose the Top IAS Coaching in Delhi (2025 में अपडेटेड गाइड)

शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की ज़रूरत

विशेषज्ञों का कहना है कि देश की शिक्षा नीति में व्यावहारिकता को महत्व दिया जाना चाहिए।

  • इंडस्ट्री-रेडी पाठ्यक्रम तैयार हों
  • कॉलेज और कंपनियों के बीच साझेदारी बढ़े
  • स्टूडेंट्स को करियर गाइडेंस और स्किल अपग्रेडेशन की सुविधा मिले

पाठकों के लिए संदेश

अगर आप भी कॉलेज स्टूडेंट हैं या जॉब ढूंढ रहे हैं, तो ये समझना जरूरी है कि केवल डिग्री या मार्कशीट काफी नहीं है। आज की दुनिया में टिकने और आगे बढ़ने के लिए ज़रूरत है –

ज्ञान + कौशल + अनुभव + नेटवर्किंग के मेल की।

बिस्मा फरीद की कहानी सिर्फ एक पोस्ट नहीं, एक चेतावनी है – कि अब समय आ गया है सोच बदलने का।


(लेखक: विशेष संवाददाता, करियर डेस्क)
अगर आपको यह लेख उपयोगी लगा हो, तो शेयर करें और अन्य युवाओं तक पहुंचाएं।
अधिक करियर टिप्स और गाइडेंस के लिए हमारे विशेष सेक्शन ‘करियर की राह’ को फॉलो करें।

प्रातिक्रिया दे