न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन इन दिनों भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापारिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करना है। उनकी यात्रा 16 से 20 मार्च 2025 तक चलेगी, जिसमें वे नई दिल्ली और मुंबई का दौरा करेंगे।
इस यात्रा के दौरान भारत और न्यूजीलैंड ने 10 वर्षों के अंतराल के बाद मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) वार्ता को फिर से शुरू करने की घोषणा की है। दोनों देशों ने 14 वर्ष पहले इस पर चर्चा शुरू की थी, लेकिन 10 दौर की बैठकों के बाद यह प्रक्रिया रुक गई थी। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि एफटीए वार्ता दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी और आर्थिक सहयोग को और अधिक सशक्त बनाएगी।
भारत और न्यूजीलैंड के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगातार बढ़ रहा है। अप्रैल-जनवरी 2025 के बीच यह 1 अरब डॉलर के पार पहुंच चुका है। यह वार्ता व्यापारिक समुदाय और उपभोक्ताओं के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगी और परस्पर वृद्धि को बढ़ावा देगी। भारत से न्यूजीलैंड को प्रमुख रूप से औषधि, कीमती धातु, वस्त्र और मोटर वाहन निर्यात किए जाते हैं, जबकि न्यूजीलैंड से भारत में लकड़ी, ऊन, फल और अन्य कृषि उत्पादों का आयात किया जाता है।
शिक्षा के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच गहरे संबंध हैं। वर्तमान में न्यूजीलैंड में 8,000 से अधिक भारतीय छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। वहीं, न्यूजीलैंड में तीन लाख से अधिक भारतीय मूल के लोग बसे हुए हैं, जो दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक संबंधों को मजबूत करते हैं।
प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन की यह यात्रा भारत-न्यूजीलैंड संबंधों में एक नए अध्याय की शुरुआत मानी जा रही है। इससे व्यापार, शिक्षा और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग को और अधिक बढ़ावा मिलेगा, जिससे दोनों देशों के संबंध पहले से ज्यादा मजबूत होंगे।