Piyush goyal announce startup help desk

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की बड़ी घोषणा: स्टार्टअप्स के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन डेस्क

नई दिल्ली: केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय स्टार्टअप्स को सशक्त बनाने के लिए ‘Startup India Helpdesk’ की शुरुआत की है। यह हेल्पलाइन विशेष रूप से नए और उभरते स्टार्टअप्स के लिए है जो नियामक चुनौतियों, नीति संबंधित उलझनों, और प्रारंभिक पूंजी तक पहुंच जैसी समस्याओं से जूझते हैं।

यह बहुभाषी हेल्पलाइन सेवा न केवल 24×7 शिकायत निवारण और मार्गदर्शन प्रदान करेगी, बल्कि सरकार द्वारा घोषित 10,000 करोड़ रुपये के डीप-टेक स्टार्टअप फंड से भी जुड़ी होगी।


स्टार्टअप भारत का उभरता चेहरा: तीन वर्षों की झलक

भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन चुका है (Sources: DPIIT, Tracxn, Nasscom):

रोचक तथ्य: स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत अब तक 1.25 लाख से अधिक स्टार्टअप पंजीकृत हो चुके हैं (DPIIT डेटा, 2024)। इसमें से 48% स्टार्टअप Tier-II और Tier-III शहरों से हैं।


हेल्पलाइन डेस्क से मिलने वाले 5 बड़े लाभ

  1. नियामक सहायता: स्टार्टअप्स को टैक्स, जीएसटी, कॉर्पोरेट लॉ आदि से जुड़ी जटिलताओं में मदद मिलेगी।
  2. बहुभाषी सपोर्ट: हिंदी, अंग्रेज़ी सहित 10+ भारतीय भाषाओं में उपलब्ध, जिससे हर कोने तक पहुंच संभव।
  3. रियल-टाइम शिकायत निवारण: 72 घंटे में समस्या समाधान का लक्ष्य।
  4. नीतिगत संवाद: उद्यमी सरकार को फीडबैक दे सकेंगे, जिससे नीतियां ज़मीनी सच्चाई से जुड़ी होंगी।
  5. डीप-टेक इनोवेशन को बढ़ावा: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, ब्लॉकचेन जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे स्टार्टअप्स को प्राथमिकता।
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विशेषज्ञों की राय:

सुनील शर्मा, ई-कॉमर्स उद्यमी:
“छोटे शहरों के स्टार्टअप्स को अकसर सरकारी सिस्टम समझने में दिक्कत होती है। यह हेल्पलाइन एक ‘गाइड’ की तरह होगी।”

अनुष्का पटेल, वेंचर कैपिटल MD:
“10,000 करोड़ रुपये का डीप-टेक फंड भारत को भविष्य की तकनीक में लीडर बना सकता है। खासकर तब, जब अंतरराष्ट्रीय निवेशक सतर्क हो गए हैं।”


अगला कदम और सरकार का लक्ष्य

  • यह हेल्पलाइन Startup India Mission 2.0 का हिस्सा है।
  • सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक भारत में 2 लाख सक्रिय स्टार्टअप हों।
  • अनुमानित है कि इससे 50 लाख+ नौकरियाँ सीधे तौर पर उत्पन्न होंगी।

निष्कर्ष

पीयूष गोयल की यह घोषणा न केवल नीति स्तर पर साहसिक कदम है, बल्कि यह भारत को वैश्विक स्टार्टअप महाशक्ति बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है। इस हेल्पलाइन की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि यह कितनी पारदर्शिता, गति और प्रभावशीलता से समस्याओं को हल करती है।

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