You are currently viewing पहलगाम हमले के बाद भारत का बड़ा फैसला: पाकिस्तान की कमर तोड़ने की तैयारी शुरू, सिंधु जल समझौता निलंबित- विशेष रिपोर्ट

पहलगाम हमले के बाद भारत का बड़ा फैसला: पाकिस्तान की कमर तोड़ने की तैयारी शुरू, सिंधु जल समझौता निलंबित- विशेष रिपोर्ट

पहलगाम में हुए क्रूर आतंकी हमले में निर्दोष भारतीय पर्यटकों की हत्या के बाद भारत ने पाकिस्तान पर अब तक की सबसे सख्त कूटनीतिक और आर्थिक कार्रवाई की है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी की अगुवाई में बुलाई गई उच्चस्तरीय आपात बैठक के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े फैसले लिए हैं, जिन्हें ‘कमर तोड़ नीति’ की संज्ञा दी जा रही है।

ये हैं भारत के कड़े कदम:

  1. 1960 का सिंधु जल समझौता निलंबित
    भारत ने पाकिस्तान के साथ चल रहा सिंधु जल समझौता तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इसका मतलब है कि भारत अब सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों के जल पर नियंत्रण पा सकता है। इससे पाकिस्तान की कृषि और पीने के पानी पर संकट गहराएगा।
  2. अटारी सीमा को पूर्णतः बंद करने का फैसला
    अटारी-वाघा बॉर्डर से होने वाला सीमित व्यापार और आवाजाही अब बंद कर दी गई है। इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को सीधा झटका लगेगा, खासकर पंजाब प्रांत को।
  3. पाकिस्तानी नागरिकों पर सार्क वीजा प्रतिबंध
    भारत ने अब पाकिस्तान के नागरिकों को सार्क वीजा फ्रेमवर्क के तहत आने की इजाज़त नहीं देने का ऐलान किया है। इसका असर पाकिस्तानी कारोबारियों, छात्रों और कलाकारों पर सीधा पड़ेगा।
  4. राजनयिक निष्कासन
    पाकिस्तान के दो वरिष्ठ राजनयिकों को 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। यह सीधा संदेश है कि आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों के लिए भारत की धरती पर कोई जगह नहीं।
  5. इस्लामाबाद में भारतीय राजनयिकों की संख्या 55 से घटाकर 30
    भारत ने पाकिस्तान में मौजूद अपने राजनयिकों की संख्या भी घटा दी है, जिससे द्विपक्षीय वार्ताओं का स्तर न्यूनतम हो जाएगा।
READ  सोनिया विहार पुस्ता रोड का होगा डबल विस्तार: कपिल मिश्रा ने की घोषणा

इन फैसलों का पाकिस्तान पर प्रभाव:

  • आर्थिक झटका: सिंधु जल समझौते के निलंबन से पाकिस्तान की 80% कृषि ज़मीन पर असर पड़ेगा। पानी की कमी से उत्पादन घटेगा और खाद्य संकट गहराएगा।
  • कूटनीतिक अलगाव: भारत के इस कदम से अन्य देशों को भी पाकिस्तान से दूरी बनाने का संकेत मिलेगा। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की छवि और खराब होगी।
  • राजनयिक दबाव: राजनयिकों की संख्या घटाने और निष्कासन से पाकिस्तान की खुफिया गतिविधियों पर अंकुश लगेगा। भारत ने यह दिखा दिया है कि अब “बातचीत और गोलीबारी साथ-साथ नहीं चल सकती”।
  • मानवाधिकार दबाव: सीमा बंद करने और वीजा प्रतिबंध से पाकिस्तान की जनता को भी एहसास होगा कि आतंक का समर्थन कितना महंगा पड़ सकता है।

भारत का संदेश स्पष्ट:

अब न सिर्फ शब्दों में बल्कि नीतियों और कार्रवाई में भी भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है, “हमारे सब्र की परीक्षा न ली जाए, अब हर हमले की कीमत चुकानी होगी।”

पहलगाम की मासूम जिंदगियों की शहादत अब खाली नहीं जाएगी। भारत ने कूटनीतिक, जल और आर्थिक मोर्चों पर युद्ध छेड़ दिया है। यह सिर्फ पाकिस्तान की कमर तोड़ने की शुरुआत है।

READ  Gukesh World Chess Champion: गुकेश चेस चैंपियन भारत का सबसे युवा चेस स्टार

प्रातिक्रिया दे