Banjara market demolished in Gurugram, 11 अक्टूबर: गुरुग्राम के गोल्फ कोर्स एक्सटेंशन रोड पर स्थित बंजारा मार्केट, जो अपने अद्वितीय और सस्ते फर्नीचर व घरेलू सजावट के सामान के लिए प्रसिद्ध थी, को हाल ही में ध्वस्त कर दिया गया है। गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (GMDA) में DTP एनफोर्समेंट के पद पर तैनात अधिकारी आर. एस. बाठ ने पीले पंजे की सहायता से इस मार्केट को पूरी तरह से मिटा दिया। यह कार्रवाई काफी दिनों से चर्चा में थी, और अब अंततः यह विवादित मार्केट इतिहास का हिस्सा बन चुकी है।
Banjara Market का इतिहास और विशेषता
बंजारा मार्केट पिछले लगभग एक दशक से गुरुग्राम के लोगों के बीच एक महत्वपूर्ण स्थान बना चुका था। इस मार्केट की शुरुआत तब हुई थी जब कई वर्षों पहले कुछ बंजारा समुदाय के लोग यहाँ आकर बस गए थे और अपने हाथ से बने फर्नीचर व सजावट के सामान बेचने लगे थे। यह बाजार धीरे-धीरे एक बड़े शॉपिंग स्पॉट के रूप में उभर गया, जहां दिल्ली-एनसीआर के लोग सस्ते और बेहतरीन डिजाइन के फर्नीचर खरीदने आते थे।
इस मार्केट में खासियत यह थी कि यहाँ मिलने वाला फर्नीचर और सजावट का सामान न केवल सस्ता था, बल्कि बेहद अनोखे डिजाइन का भी होता था। यहाँ आपको लकड़ी के बेड, सोफे, अलमारियाँ, और सजावट की वस्तुएं जैसे पेंटिंग्स, लैंप्स, और मूर्तियाँ मिलती थीं, जो आपके घर को एक अलग ही पहचान देती थीं।
बंजारा मार्केट को क्यों किया गया ध्वस्त?
हालांकि बंजारा मार्केट काफी प्रसिद्ध और लाभदायक थी, परंतु इस मार्केट का निर्माण सरकारी जमीन पर अवैध रूप से हुआ था। कई सालों से इस मार्केट को हटाने के लिए आवाज उठ रही थी, और आखिरकार GMDA ने कार्रवाई का निर्णय लिया। मार्केट को ध्वस्त करने के पीछे मुख्य कारण यह था कि यह जमीन एक रिहायशी क्षेत्र के लिए प्रस्तावित थी, और यहाँ मार्केट का होना कानून के खिलाफ था।
आर. एस. बाठ के नेतृत्व में इस मार्केट को हटाने का निर्णय लिया गया। कई व्यापारियों ने इस कार्रवाई का विरोध किया, लेकिन सरकारी नियमों का पालन करते हुए मार्केट को अंततः गिरा दिया गया। इस ध्वस्तिकरण की कार्रवाई कई दिनों तक चली, और अब यहाँ केवल मलबा ही रह गया है।
अब व्यापारी और खरीदार क्या करेंगे?
बंजारा मार्केट के ध्वस्त हो जाने के बाद अब यहाँ के व्यापारी और यहाँ से सामान खरीदने वाले लोग असमंजस में हैं। कई व्यापारी जो यहाँ वर्षों से अपनी रोजी-रोटी कमा रहे थे, अब बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं। वहीं, खरीदारों के लिए यह एक झटका है, क्योंकि अब उन्हें सस्ते और अनोखे फर्नीचर के लिए नए विकल्प ढूंढने पड़ेंगे।
व्यापारियों ने उम्मीद जताई है कि सरकार उन्हें पुनर्वासित करने का कोई रास्ता निकालेगी, जिससे वे अपनी आजीविका फिर से शुरू कर सकें। वहीं, खरीदारों का कहना है कि बंजारा मार्केट जैसी जगह फिर से ढूंढना मुश्किल होगा, क्योंकि यहाँ की अनूठी वस्तुएं कहीं और मिलना संभव नहीं है।
निष्कर्ष
बंजारा मार्केट का ध्वस्तिकरण गुरुग्राम के लिए एक बड़े बदलाव की ओर इशारा करता है। यह बाजार न केवल गुरुग्राम बल्कि पूरे एनसीआर के लिए एक प्रमुख शॉपिंग डेस्टिनेशन था। हालांकि यह कार्रवाई सरकारी नियमों के तहत की गई है, परंतु इसका असर वहाँ के व्यापारियों और खरीदारों पर गहरा पड़ा है। यह देखना बाकी है कि भविष्य में इस स्थान पर क्या निर्माण होता है और क्या सरकार यहाँ के व्यापारियों के लिए कोई पुनर्वास योजना लाती है।