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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 15 की मौत, 12 घायल; महाकुंभ मेले में जाने की भीड़ बनी वजह, केंद्र ने दिए जांच के आदेश

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार को बड़ा हादसा हो गया। प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों में चढ़ने के लिए उमड़ी भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई और 12 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हृदयविदारक घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हादसा प्लेटफॉर्म नंबर 12, 13, 14, 15 और 16 पर हुआ, जहां महाकुंभ मेले के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु ट्रेनों में सवार होने पहुंचे थे।

कैसे हुआ हादसा?

जानकारी के अनुसार, महाकुंभ मेले के लिए प्रयागराज जाने वाली कई ट्रेनों की घोषणा के बाद स्टेशन पर भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। प्लेटफॉर्म पर पहले से ही काफी लोग मौजूद थे, और जैसे ही ट्रेन के आने की घोषणा हुई, लोग जल्दी से ट्रेन पकड़ने के लिए दौड़ पड़े। अचानक मची अफरा-तफरी में कई लोग गिर गए, और भीड़ ने उन्हें कुचल दिया।

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चश्मदीदों के मुताबिक, प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। कुछ यात्रियों ने बताया कि ट्रेन की देरी के कारण भीड़ बढ़ती गई और जब ट्रेन का अनाउंसमेंट हुआ, तो सभी लोग एकसाथ दौड़ पड़े।

शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया

हादसे के तुरंत बाद रेलवे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए नजदीकी अस्पताल भेजा गया, जबकि घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों का कहना है कि कई घायलों की हालत नाजुक बनी हुई है और मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।

केंद्र सरकार ने दिए जांच के आदेश

घटना की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। रेल मंत्री ने घटना पर दुख जताते हुए कहा, “यह हादसा बेहद दुखद है। पीड़ित परिवारों के साथ हमारी पूरी संवेदनाएं हैं। घटना की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।

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प्रशासन पर उठे सवाल

इस हादसे के बाद रेलवे प्रशासन और दिल्ली पुलिस की तैयारियों पर सवाल उठने लगे हैं। यात्रियों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना पहले से थी, लेकिन सुरक्षा के इंतजाम नाकाफी थे।

यात्रियों के अनुसार, प्लेटफॉर्म पर भीड़ नियंत्रित करने के लिए न तो पर्याप्त पुलिसकर्मी थे और न ही कोई व्यवस्था। ऐसे में जब ट्रेन की घोषणा हुई, तो भगदड़ मचना स्वाभाविक था।

पीड़ित परिवारों को मुआवजा

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की गई है। रेलवे ने भी मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 1-1 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है।

महाकुंभ मेले में लाखों की भीड़

गौरतलब है कि प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जिसमें देश-विदेश से करोड़ों लोग शामिल होते हैं। इस साल भी महाकुंभ के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच रहे हैं। ऐसे में रेलवे स्टेशन और ट्रेनों में भारी भीड़ होना स्वाभाविक है, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही इस हादसे की बड़ी वजह बन गई।

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घटना के बाद का माहौल

हादसे के बाद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर सन्नाटा पसर गया है। प्लेटफॉर्म पर जगह-जगह सामान बिखरा पड़ा है। पीड़ितों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। रेलवे स्टेशन पर मौजूद यात्री सदमे में हैं और इस भयावह हादसे को भूल नहीं पा रहे हैं।

रेलवे प्रशासन के लिए बड़ा सबक

इस घटना ने एक बार फिर रेलवे प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हर साल कुंभ और महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों में भारी भीड़ उमड़ती है, लेकिन रेलवे की व्यवस्थाएं अक्सर नाकाफी साबित होती हैं।

रेलवे बोर्ड ने इस घटना से सीख लेते हुए भविष्य में बड़े आयोजनों के दौरान भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष उपाय करने की बात कही है।

आगे की कार्रवाई

जांच कमेटी अगले 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। रिपोर्ट में हादसे की वजह, दोषियों की पहचान और आगे ऐसी घटनाओं से बचने के उपाय शामिल होंगे।

देशभर से शोक संदेश

हादसे के बाद देशभर से शोक संदेश आ रहे हैं। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और अन्य राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने इस हादसे पर दुख जताया है। सोशल मीडिया पर भी लोग हादसे को लेकर शोक और आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं।


यह हादसा न सिर्फ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन बल्कि पूरे देश के लिए एक चेतावनी है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए बेहतर प्रबंधन और सुरक्षा उपायों की जरूरत है।

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