नई दिल्ली, 10 मई 2024: पश्चिम विहार इलाके में चल रहे एक कॉल सेंटर घोटाले का आज एएटीएस आउटर डिस्ट्रिक्ट की टीम ने भंडाफोड़ कर दिया। ACP नरेंद्र खत्री के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई में एक महिला सहित कुल 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के पास से 16 लैपटॉप, 12 लैपटॉप चार्जर, 2 वाईफाई राउटर, 9 हेडफोन और 13 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।
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गिरोह का काम करने का तरीका:
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वे ‘नेट कॉलिंग’ के जरिए अमेरिका के लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे। वे पीड़ितों के सिस्टम तक रिमोट एक्सेस प्राप्त करने के लिए ‘बीएसओडी’, ‘गूगल वॉयस’, ‘ब्राउजर लॉगिन’, ‘माइक्रो एसआईपी’ और ‘एनीडेस्क’ जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते थे।
कैसे फंसाते थे जाल में:
सबसे पहले, आरोपी अमेरिकी नागरिकों को फोन करते थे और खुद को माइक्रोसॉफ्ट या अन्य टेक कंपनी का कर्मचारी बताते थे। फिर, वे पीड़ितों को यह विश्वास दिलाते थे कि उनके कंप्यूटर में वायरस है और उन्हें ठीक करने के लिए रिमोट एक्सेस की आवश्यकता है।
एक बार रिमोट एक्सेस मिल जाने के बाद:
रिमोट एक्सेस मिल जाने के बाद, आरोपी पीड़ितों के बैंक खातों और क्रेडिट कार्ड की जानकारी चुरा लेते थे। इसके बाद, वे इस जानकारी का इस्तेमाल करके ऑनलाइन खरीदारी करते थे या पीड़ितों के खातों से पैसे निकाल लेते थे।
पुलिस कार्रवाई:
एएटीएस आउटर डिस्ट्रिक्ट की टीम को इस कॉल सेंटर घोटाले की सूचना मिली थी, जिसके बाद उन्होंने एक गुप्त अभियान चलाकर आरोपियों को पकड़ने में सफलता हासिल की। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि आरोपियों ने कितने लोगों को ठगा है और उन्होंने कितनी रकम की धोखाधड़ी की है।
यह मामला उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होने का खतरा रखते हैं।
यहां कुछ सावधानियां दी गई हैं जो आप ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए अपना सकते हैं:
- किसी भी अज्ञात व्यक्ति से अपनी व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी साझा न करें।
- किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से बचें।
- किसी भी अज्ञात नंबर से आने वाले फोन कॉल का जवाब न दें।
- किसी भी सॉफ्टवेयर को डाउनलोड या इंस्टॉल करने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच करें।
- यदि आपको लगता है कि आप धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं, तो तुरंत पुलिस या संबंधित अधिकारियों को सूचित करें।
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कॉल सेंटर में काम करने वाले सभी लोग धोखेबाज नहीं होते हैं। यदि आपको किसी कॉल सेंटर से कॉल आता है, तो आप हमेशा सावधानी बरत सकते हैं और अपनी जानकारी साझा करने से पहले सवाल पूछ सकते हैं।