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जापानी टेलीकॉम कंपनी NTT में बड़ा डेटा लीक: 18,000 कंपनियों की जानकारी हुई लीक

हाल ही में जापान की जानी-मानी टेलीकॉम कंपनी NTT Communications Corporation (NTT) में एक बड़ा डेटा ब्रीच हुआ है, जिससे करीब 18,000 कंपनियों की अहम जानकारी लीक हो गई है। इस साइबर अटैक ने दुनियाभर में कंपनियों को सुरक्षा को लेकर सोचने पर मजबूर कर दिया है। आइए जानते हैं इस घटना के बारे में|

क्या है पूरा मामला?

NTT ने 5 फरवरी 2025 को अपने ‘Order Information Distribution System’ में एक संदिग्ध गतिविधि नोटिस की। जांच करने पर पता चला कि हैकर्स ने इस सिस्टम में अनऑथराइज्ड एक्सेस कर लिया है और लगभग 17,891 कंपनियों की संवेदनशील जानकारी चुरा ली गई है।

कौन-कौन सी जानकारी हुई लीक?

इस डेटा ब्रीच में जिन कंपनियों की जानकारी लीक हुई है, उसमें शामिल हैं:

  • कंपनी का नाम
  • कंपनी के प्रतिनिधि (Representative) का नाम
  • कॉन्ट्रैक्ट नंबर
  • फोन नंबर
  • ईमेल एड्रेस
  • फिजिकल एड्रेस (पता)
  • सर्विस यूसेज की डिटेल्स
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हालांकि, राहत की बात ये है कि NTT Docomo की ओर से सीधे उपलब्ध कराए गए कॉर्पोरेट स्मार्टफोन्स के कस्टमर डेटा और पर्सनल यूजर डेटा इस ब्रीच से प्रभावित नहीं हुए हैं।

कंपनी ने क्या कदम उठाए?

जैसे ही इस संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिली, NTT ने तुरंत उस सिस्टम की एक्सेस को ब्लॉक कर दिया। लेकिन 15 फरवरी को एक और डिवाइस में अनऑथराइज्ड एक्सेस मिला, जिसे तुरंत डिस्कनेक्ट किया गया। इसके बाद कंपनी ने घोषणा की कि अब स्थिति पूरी तरह कंट्रोल में है।

कंपनी का रेस्पॉन्स

NTT ने व्यक्तिगत रूप से किसी भी ग्राहक को नोटिफाई नहीं किया है, बल्कि एक पब्लिक अनाउंसमेंट के जरिए इस डेटा ब्रीच की जानकारी दी है। साथ ही, उन्होंने भरोसा दिलाया है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अपने सिक्योरिटी सिस्टम को और मजबूत किया जाएगा।

इस घटना से क्या सीख मिलती है?

इस साइबर अटैक ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि बड़ी कंपनियों को भी अपने डेटा की सुरक्षा के लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है। मजबूत साइबर सिक्योरिटी सिस्टम और रेगुलर सिक्योरिटी ऑडिट्स के बिना, किसी भी कंपनी का डेटा सुरक्षित नहीं रह सकता।

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अंत में

NTT डेटा ब्रीच एक चेतावनी है कि किसी भी व्यवसाय, चाहे वह छोटा हो या बड़ा, को अपनी डिजिटल सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। डेटा सुरक्षा के मामले में छोटी-सी लापरवाही भी बड़े नुकसान का कारण बन सकती है। उम्मीद है कि NTT जैसी बड़ी कंपनियां इस घटना से सबक लेकर अपनी सुरक्षा को और मजबूत करेंगी।

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