भारत-पाकिस्तान सैन्य हमले पर विश्व नेताओं की प्रतिक्रियाएं

भारत-पाकिस्तान सैन्य हमले पर विश्व नेताओं की प्रतिक्रियाएं: क्या कह रहा है अंतरराष्ट्रीय समुदाय?

7 मई 2025, न्यूयॉर्क/नई दिल्ली भारत द्वारा हाल ही में शुरू किए गए सैन्य अभियान “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद पूरी दुनिया में चिंता की लहर दौड़ गई है। यह अभियान पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) के उन इलाकों पर केंद्रित था जिन्हें भारत ने आतंकवादी ठिकाने बताया है। इसके जवाब में पाकिस्तान ने भारत पर जवाबी हमले करने और भारतीय वायुसेना के कई लड़ाकू विमानों को मार गिराने का दावा किया है।

इस घटनाक्रम ने न केवल एशियाई उपमहाद्वीप बल्कि पूरी दुनिया में एक संभावित सैन्य संघर्ष की आशंका को बढ़ा दिया है। ऐसे में दुनिया के तमाम शक्तिशाली देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए संयम बरतने की अपील की है

प्रमुख देशों और संगठनों की प्रतिक्रियाएं

संयुक्त राष्ट्र (UN)

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक आपातकालीन बयान जारी करते हुए दोनों देशों से “तत्काल तनाव कम करने और बातचीत के जरिए समाधान निकालने” की अपील की है। उन्होंने चेतावनी दी कि इस तरह की घटनाएं पूरी दुनिया को अस्थिरता की ओर धकेल सकती हैं।

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संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)

अमेरिकी राष्ट्रपति ने घटना को लेकर “गंभीर चिंता” जताई है और कहा है कि अमेरिका दोनों देशों के बीच शांति कायम करने के लिए हरसंभव कूटनीतिक प्रयास करेगा। अमेरिकी विदेश विभाग ने अपने नागरिकों को भारत और पाकिस्तान की यात्रा न करने की सलाह भी दी है।

चीन

चीन, जो पाकिस्तान का रणनीतिक साझेदार भी है, ने इस स्थिति को “बेहद संवेदनशील” बताया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों से बातचीत और शांति बनाए रखने की अपील की है। हालांकि, चीन ने भारत की कार्रवाई की आलोचना भी की है और कहा है कि “संप्रभुता का सम्मान होना चाहिए।”

फ्रांस

फ्रांस ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताई है और दोनों देशों से “कूटनीतिक बातचीत की मेज पर लौटने” की अपील की है। फ्रांसीसी विदेश मंत्री ने कहा कि वे इस मामले पर संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर नजर रख रहे हैं।

जापान

जापान ने चेतावनी दी है कि यदि स्थिति को तुरंत नियंत्रण में नहीं लाया गया, तो यह संघर्ष पूरे एशिया की शांति के लिए खतरा बन सकता है। जापानी प्रधानमंत्री ने भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों से सीधे संवाद की अपील की है।

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रूस

रूस ने इसे “चिंताजनक विकास” बताया है और स्पष्ट किया कि युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता। क्रेमलिन ने दोनों देशों से संयम बरतने और “संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता” का सम्मान करने को कहा है।

तुर्की

तुर्की ने पाकिस्तान के नागरिक हताहतों पर चिंता व्यक्त की है और भारत की कार्रवाई की “निंदा” करते हुए इसे क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बताया है। हालांकि, उन्होंने दोनों पक्षों से शांतिपूर्ण समाधान की अपील भी की है।

कतर

कतर सरकार ने एक बयान में कहा कि वो इस प्रकार के सैन्य संघर्ष को खतरनाक मानती है और सभी पक्षों को संयम रखने और कूटनीति अपनाने की सलाह देती है।

संयुक्त अरब अमीरात (UAE)

यूएई, जो भारत और पाकिस्तान दोनों से व्यापारिक रिश्ते रखता है, ने अपने स्तर पर मध्यस्थता की पेशकश की है और कहा है कि वो “संघर्ष को बढ़ने से रोकने” में हर संभव मदद करेगा।

यूनाइटेड किंगडम (UK)

ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड लैमी ने संसद में बयान देते हुए कहा कि यह स्थिति पूरी दुनिया के लिए चिंताजनक है। उन्होंने कहा, “हम भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ संवाद में हैं और शांति बहाली के प्रयासों में मदद के लिए तैयार हैं।”

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कुछ अहम आंकड़े और जानकारी:

  • भारत का कहना है कि उसने 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया जो पाकिस्तान में और PoK में मौजूद थे।
  • पाकिस्तान ने दावा किया है कि इन हमलों में 26 नागरिक मारे गए और 46 घायल हुए हैं।
  • पाकिस्तान ने यह भी कहा कि उसने भारतीय वायुसेना के 5 फाइटर जेट्स को मार गिराया है। भारत ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
  • पिछले 10 वर्षों में, यह सबसे बड़ा सैन्य टकराव माना जा रहा है।

आम लोगों के लिए क्या मायने रखता है?

यह संघर्ष न केवल सरकारों के बीच का मामला है, बल्कि इसके प्रभाव आम नागरिकों पर भी पड़ते हैं — चाहे वह भारत का हो, पाकिस्तान का हो या कोई और देश जहां शांति और स्थिरता का महत्व है।

  • सीमा क्षेत्रों में रह रहे नागरिकों की जान को खतरा है।
  • अंतरराष्ट्रीय उड़ानों, निवेश और व्यापार पर असर पड़ सकता है।
  • नौजवानों में डर और अनिश्चितता का माहौल बन रहा है।

एक मानवीय अपील

दुनिया के अधिकांश नेता यही कह रहे हैं — अब समय है समझदारी और शांति का। भारत और पाकिस्तान, दोनों परमाणु संपन्न देश हैं और किसी भी युद्ध की चिंगारी सिर्फ इन दो देशों को नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को आग में झोंक सकती है

आम लोगों की आवाज़ भी यही कहती है: “युद्ध नहीं, संवाद चाहिए। बंदूक नहीं, समाधान चाहिए।”

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