You are currently viewing दिल्ली में कबूतरों को दाना डालने पर लगेगा जुर्माना, सरकार ने क्यों उठाया ये सख्त कदम?

दिल्ली में कबूतरों को दाना डालने पर लगेगा जुर्माना, सरकार ने क्यों उठाया ये सख्त कदम?

नई दिल्ली: अगर आप दिल्ली की सड़कों पर कबूतरों को दाना डालते हैं, तो अब आपको सावधान रहने की जरूरत है। राजधानी में सार्वजनिक स्थानों पर कबूतरों को दाना डालने पर अब 200 से 500 रुपये तक का चालान कट सकता है। यह नियम फिलहाल कश्मीरी गेट तिब्बती मार्केट और ईदगाह गोलचक्कर पर लागू किया गया है, जहां एमसीडी (नगर निगम) ने सख्ती दिखाते हुए पांच लोगों का चालान भी जारी कर दिया है।

सरकार को क्यों उठाना पड़ा यह कदम?

दिल्ली में कई जगहों पर कबूतरों को दाना डालने की परंपरा है, लेकिन इससे कुछ गंभीर समस्याएं खड़ी हो रही हैं:

  1. सड़क पर गंदगी: लोग दाना डालते हैं, लेकिन साथ ही वहां कबूतरों का मल जमा होने लगता है, जिससे सफाई व्यवस्था प्रभावित होती है।
  2. स्वास्थ्य संबंधी खतरे: कबूतरों के मल और पंखों से हवा में कई तरह के बैक्टीरिया और फंगल संक्रमण फैलते हैं, जो लोगों में सांस संबंधी बीमारियों को बढ़ावा दे सकते हैं।
  3. शहर की छवि पर असर: सड़क किनारे फैली गंदगी और बदबू से राजधानी की स्वच्छता और सुंदरता प्रभावित होती है, जिससे देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

क्या होगी सजा?

यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर कबूतरों को दाना डालते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे 200 से 500 रुपये तक का चालान भरना होगा। एमसीडी ने निगरानी के लिए टीमों को तैनात किया है और कई इलाकों में सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की जा रही है।

READ  दिल्ली में यमुना की सफाई के लिए पहुंच गईं बड़ी-बड़ी मशीनें, LG बोले- जो वादा किया वो निभाया

लोगों की प्रतिक्रिया

इस नियम पर दिल्लीवासियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है। कुछ लोग इसे एक जरूरी कदम मानते हैं, जिससे शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार होगा, वहीं कुछ इसे जरूरत से ज्यादा सख्ती कह रहे हैं।

क्या है विकल्प?

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर लोग कबूतरों को दाना डालना चाहते हैं, तो इसके लिए शहर में विशेष स्थान बनाए जा सकते हैं, जहां साफ-सफाई और सुरक्षा का ध्यान रखा जाए। इसके अलावा, लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाए जाने चाहिए।

फिलहाल, एमसीडी की यह सख्ती दिल्ली में सफाई और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

प्रातिक्रिया दे