सूरत: गुजरात के सूरत स्थित कपोदरा क्षेत्र की एक हीरा पॉलिशिंग फैक्ट्री ‘अनाभ जेम्स’ में हुए ज़हरकांड ने सबको हिला कर रख दिया है। पुलिस की शुरुआती जांच में बड़ा खुलासा हुआ है — पानी में ज़हर मिलाने वाला कोई बाहरी शख्स नहीं, बल्कि फैक्ट्री का एक अंदरूनी व्यक्ति, यानी खुद फैक्ट्री का मैनेजर बताया जा रहा है।
घटना 9 अप्रैल की सुबह घटी, जब फैक्ट्री में काम करने वाले 118 मज़दूर अचानक बीमार पड़ गए। सभी ने फैक्ट्री परिसर में लगे वाटर फिल्टर से पानी पिया था, जिसमें बाद में ‘सेल्फॉस’ नामक खतरनाक कीटनाशक पाया गया। पानी से तेज़ दुर्गंध आने की शिकायत के बाद जांच हुई और फिल्टर में एक ज़हरीला पाउच मिला।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि यह पाउच किसी ने जानबूझकर फिल्टर सिस्टम के अंदर रखा था — और अब संदेह की सुई सीधे फैक्ट्री मैनेजर हरीश लक्ष्मी पर टिक रही है।
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मैनेजर ने आखिर क्यों किया ऐसा?
सूत्रों के अनुसार, आरोपी मैनेजर कुछ समय से कंपनी से नाराज़ चल रहा था। कंपनी प्रबंधन के साथ मतभेद, प्रमोशन को लेकर नाराज़गी और कर्मचारियों के प्रति गहरा गुस्सा उसके मन में पल रहा था। माना जा रहा है कि उसी गुस्से में आकर उसने यह खौफनाक कदम उठाया।
जांच अधिकारी बोले:
“हमारे पास ऐसे सबूत हैं जो यह दर्शाते हैं कि ज़हर मिलाने की साजिश फैक्ट्री के अंदर ही रची गई। मैनेजर की भूमिका सबसे संदिग्ध है। CCTV फुटेज और गवाहों के बयान उसकी ओर इशारा कर रहे हैं,” — डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस राकेश बरोत।
पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और IPC की धारा 307 (हत्या का प्रयास), 328 (ज़हर देकर नुकसान पहुंचाना), व अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।
फैक्ट्री में हड़कंप
इस सनसनीखेज खुलासे के बाद फैक्ट्री में काम कर रहे अन्य कर्मचारियों में डर और आक्रोश का माहौल है। मजदूर संघों ने आरोपी को सख्त से सख्त सज़ा देने की मांग की है।
फिलहाल 6 मज़दूरों का इलाज जारी है, बाकी 112 को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है। सभी की हालत अब स्थिर है।
जांच जारी है और पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले की पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी।