नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली अब बिजली के लटकते तारों और अव्यवस्थित पावर सिस्टम से जल्द ही निजात पाएगी। दिल्ली सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ₹3,847 करोड़ के बजट से एक अत्याधुनिक स्मार्ट पावर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत राजधानी में अंडरग्राउंड केबलिंग, स्मार्ट ग्रिड तकनीक और स्वच्छ ऊर्जा के विस्तार को प्राथमिकता दी जाएगी।
क्या है इस योजना में खास?
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य दिल्ली को न केवल तकनीकी रूप से सशक्त बनाना है, बल्कि बिजली आपूर्ति को भी अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय बनाना है।
- अंडरग्राउंड केबलिंग: अब बिजली के लटकते तारों को जमीन के नीचे किया जाएगा, जिससे न केवल सौंदर्य बढ़ेगा, बल्कि बारिश, तूफान या अन्य आपदाओं में बिजली बाधित होने की समस्या भी कम होगी।
- स्मार्ट ग्रिड सिस्टम: यह तकनीक बिजली की खपत को रियल-टाइम में मॉनिटर करेगी और जरूरत के हिसाब से सप्लाई को एडजस्ट करेगी, जिससे बिजली की बर्बादी रुकेगी और उपभोक्ताओं को बेहतर सेवा मिलेगी।
- स्वच्छ ऊर्जा का विस्तार: सोलर पैनल, ग्रीन एनर्जी और एनर्जी एफिशिएंसी से जुड़े प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा दिया जाएगा।
दिल्ली की रोशनी होगी अब और भी सुरक्षित और आधुनिक
यह प्रोजेक्ट न सिर्फ शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगा, बल्कि आम जनता को भी राहत देगा। अब शॉर्ट सर्किट, खुले तारों से होने वाली दुर्घटनाएं और बिजली कटौती जैसी समस्याएं अतीत की बात होंगी। इसके साथ ही स्मार्ट मीटरिंग और डिजिटल बिलिंग जैसी सुविधाओं से दिल्लीवासी एक नई ऊर्जा व्यवस्था का अनुभव करेंगे।
सरकार की पहल को मिली सराहना
मुख्यमंत्री ने इस योजना को ‘दिल्ली के लिए गेम चेंजर’ बताते हुए कहा कि, “हम दिल्ली को एक स्मार्ट और सुरक्षित शहर बनाना चाहते हैं। यह कदम राजधानी की ऊर्जा जरूरतों को भविष्य के लिए तैयार करेगा।” वहीं, बिजली विभाग के अधिकारियों का मानना है कि यह प्रोजेक्ट न केवल तकनीकी रूप से बल्कि पर्यावरणीय रूप से भी राजधानी को नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
बिजली के तारों की उलझन से छुटकारा और एक साफ, सुरक्षित और स्मार्ट ऊर्जा व्यवस्था – यही है दिल्ली का अगला कदम। आने वाले वर्षों में यह योजना राजधानी के हर कोने को रोशन करेगी, वो भी आधुनिकता और सुरक्षा के साथ।