दिल्ली – राजधानी दिल्ली के करावल नगर क्षेत्र में गुरुवार सुबह एक मकान में अचानक आग लग गई, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। यह घटना हाउस नंबर 108, मेन नाला रोड, अंकुर एन्क्लेव में सामने आई, जहां आग लगने की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और दमकल विभाग को सतर्क किया गया। पुलिस की एक टीम तत्काल मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया, वहीं दिल्ली फायर सर्विस की ओर से चार दमकल गाड़ियों को रवाना किया गया। फायर ब्रिगेड की तत्परता से आग पर काबू पा लिया गया, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
Table of Contents
अवैध रूप से हो रहा था ग्रीन पटाखों का निर्माण
मकान की जांच के दौरान एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया। शुरुआती जानकारी के अनुसार, मकान मालिक ने यह घर दो किराएदारों को दे रखा था। ग्राउंड फ्लोर पर रहने वाला किराएदार कबाड़ खरीदने और बेचने का काम करता था, जबकि फर्स्ट फ्लोर पर रहने वाला व्यक्ति अवैध रूप से ‘हरित पटाखों’ (ग्रीन क्रैकर्स) का निर्माण कर रहा था। माना जा रहा है कि पटाखे बनाने के दौरान किसी रसायन की प्रतिक्रिया के चलते धमाका हुआ, जिससे आग भड़क उठी।
धमाके के कारण घर में मौजूद रिजवान नामक युवक झुलस गया, जिसे तुरंत नजदीकी जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है, लेकिन शरीर पर जलने के गंभीर निशान हैं।
पुलिस टीम कर रही गहन जांच
घटना की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और इलाके की घेराबंदी कर दी गई। दिल्ली पुलिस की क्राइम टीम और फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की टीम ने घटनास्थल का सूक्ष्म निरीक्षण किया। मौके से कुछ संदिग्ध रसायन, उपकरण और अधजले पटाखों के सैंपल एकत्र किए गए हैं, जिन्हें जांच के लिए भेजा गया है।
कानूनी कार्रवाई शुरू, इलाके में मचा हड़कंप
फिलहाल, पुलिस ने इस मामले में संबंधित धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। मकान मालिक और किराएदार दोनों से पूछताछ की जा रही है कि क्या उन्हें इस निर्माण की जानकारी थी और मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों ने इस बात के भी संकेत दिए हैं कि यह सिर्फ एक मकान की बात नहीं हो सकती, बल्कि इसके पीछे किसी अवैध नेटवर्क की भी भूमिका हो सकती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें कुछ समय से इस मकान से अजीब गंध और हल्की आवाजें सुनाई देती थीं, लेकिन उन्होंने कभी अंदाजा नहीं लगाया कि वहां इस प्रकार की खतरनाक गतिविधि चल रही है। इस घटना के बाद इलाके में भय और चिंता का माहौल है।
यह घटना न केवल एक गंभीर लापरवाही का मामला है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि रिहायशी इलाकों में अवैध गतिविधियों को लेकर निगरानी कितनी जरूरी है। प्रशासन की ओर से अब इलाके में अन्य मकानों की भी जांच शुरू कर दी गई है ताकि ऐसी किसी और घटना को रोका जा सके। दिल्ली पुलिस और अग्निशमन विभाग पूरे मामले की तह तक जाने के लिए सतर्क हो गए हैं।