Smuggling Rs 10 crore marijuana: नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर कस्टम अधिकारियों ने ग्रीन कलर एनडीपीएस पदार्थ, जिसे गांजा/मारिजुआना होने का संदेह है, की तस्करी के एक मामले का पर्दाफाश किया है। यह पदार्थ 17 पॉलीथीन पाउच में छिपा हुआ था, जिसे एक लाल और ग्रे रंग के ट्रॉली बैग में रखा गया था। इस मामले में दो भारतीय यात्रियों को पकड़ा गया है, जो 26 नवंबर 2024 को फुकेत से नई दिल्ली के टर्मिनल-3 पर पहुंचे थे।
ग्रीन चैनल पर पकड़ी गई तस्करी
कस्टम अधिकारियों ने ग्रीन चैनल से गुजरने के दौरान यात्रियों को रोककर उनके सामान की एक्स-रे जांच की। जांच के दौरान उनके लाल और ग्रे रंग के ट्रॉली बैग से 17 पॉलीथीन पाउच मिले। इन पाउचों में 9979 ग्राम (शुद्ध वजन) ग्रीन कलर का एक मादक पदार्थ पाया गया, जिसे गांजा/मारिजुआना होने का संदेह है। प्रारंभिक परीक्षण में यह पदार्थ “हाइड्रोपोनिक वीड” के रूप में पहचाना गया।
₹10 करोड़ का अवैध पदार्थ जब्त
बरामद किए गए पदार्थ की कीमत लगभग 10 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह मामला नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 की धारा 8 के तहत दर्ज किया गया है।
कानूनी कार्रवाई
यात्रियों के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम, 1985 की धारा 20, 23 और 29 के तहत अपराध का मामला दर्ज किया गया। दोनों यात्रियों को 27 नवंबर 2024 को दोपहर 1:30 बजे एनडीपीएस अधिनियम की धारा 43(बी) के तहत गिरफ्तार किया गया। साथ ही ग्रीन कलर मादक पदार्थ, उसके छिपाने वाले सामान और पैकेजिंग सामग्री को धारा 43(ए) के तहत जब्त कर लिया गया है।
“हाइड्रोपोनिक वीड” का बढ़ता खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि “हाइड्रोपोनिक वीड” एक प्रकार की उन्नत तकनीक से उगाई जाने वाली गांजा की किस्म है, जो सामान्य गांजे से अधिक शक्तिशाली होती है। इस प्रकार के पदार्थों की तस्करी हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ी है, और यह न केवल कानून व्यवस्था के लिए बल्कि सामाजिक स्वास्थ्य के लिए भी बड़ा खतरा है।
आगे की जांच जारी
इस मामले में तस्करी के स्रोत और अन्य संबंधित पहलुओं का पता लगाने के लिए कस्टम विभाग द्वारा जांच जारी है। अधिकारियों ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए यात्रियों से सख्त पूछताछ की है और संबंधित एजेंसियों को भी सतर्क किया गया है।
कस्टम विभाग ने यात्रियों को आगाह किया है कि कोई भी अवैध गतिविधि करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।