हवा में जहर दिल्ली-एनसीआर में GRAP स्टेज 4 लागू: वायु प्रदूषण से निपटने का बड़ा कदम दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र इस समय वायु प्रदूषण के सबसे खतरनाक दौर से गुजर रहा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘गंभीर प्लस’ श्रेणी में पहुंच गया है, जो कि स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव डालने वाला स्तर है। सर्दियों के आते ही हवा में धूल, धुआं और जहरीले कणों का स्तर तेजी से बढ़ रहा है।
GRAP स्टेज 4: क्यों पड़ा लागू करने की जरूरत?
यह स्थिति सरकार को मजबूर करती है कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं। इसी क्रम में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज 4 को लागू कर दिया है। इस योजना के तहत विभिन्न प्रतिबंध और दिशा-निर्देश लागू किए गए हैं, ताकि प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
वायु गुणवत्ता और GRAP स्टेज 4 का महत्व
दिल्ली की बिगड़ती हवा का हाल
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 के पार पहुंच चुका है, जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। इस स्थिति में लंबी अवधि तक रहना स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है।
GRAP स्टेज 4 के तहत, वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई सख्त कदम उठाए गए हैं। यह योजना प्रदूषण के कारणों को पहचानकर उनके समाधान पर केंद्रित है।
GRAP स्टेज 4: लागू किए गए नियम और प्रतिबंध
1. वाहनों पर सख्ती
- BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल वाहन पूरी तरह प्रतिबंधित।
- निजी वाहनों की संख्या कम करने के लिए कारपूलिंग और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दिया गया है।
2. निर्माण कार्यों पर रोक
- निर्माण और विध्वंस कार्य केवल आवश्यक परियोजनाओं तक सीमित।
- उड़ती धूल को नियंत्रित करने के लिए नियमित पानी का छिड़काव।
3. औद्योगिक संचालन
- केवल पर्यावरण-अनुकूल ईंधन का उपयोग करने वाले उद्योगों को अनुमति।
- कोयले और लकड़ी जैसे प्रदूषणकारी ईंधन पर पूर्ण प्रतिबंध।
4. सार्वजनिक सलाह
- बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को घर के अंदर रहने की सलाह।
- बाहर निकलने पर N95 मास्क का उपयोग करें।
प्रदूषण के मुख्य कारण और उनका प्रभाव
कारण | विवरण |
---|---|
वाहन उत्सर्जन | वाहनों से निकलने वाला धुआं वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण। |
पराली जलाना | पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी। |
औद्योगिक उत्सर्जन | प्रदूषणकारी ईंधन का उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक। |
निर्माण और विध्वंस की धूल | बड़े निर्माण कार्यों से हवा में धूल का स्तर बढ़ा। |
प्रदूषण के प्रभाव:
- सांस की बीमारियां, खासकर दमा और ब्रोंकाइटिस।
- हृदय रोग और स्ट्रोक का बढ़ता खतरा।
- बच्चों में मानसिक और शारीरिक विकास पर प्रतिकूल प्रभाव।
प्रदूषण से कैसे बचाव करें?
1. घर के अंदर रहें
- बाहर जाने से बचें, खासकर सुबह के समय।
- HEPA फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
2. मास्क का उपयोग करें
- N95 या इससे बेहतर गुणवत्ता वाले मास्क पहनें।
3. सरकारी निर्देशों का पालन करें
- अनावश्यक वाहन उपयोग से बचें।
- इलेक्ट्रिक वाहनों और कारपूलिंग को प्राथमिकता दें।
4. पर्यावरण-अनुकूल आदतें अपनाएं
पेड़ लगाएं और हरित क्षेत्रों का संरक्षण करें।
बिजली और पानी की बर्बादी से बचें।
आम नागरिकों की जिम्मेदारी
- कारपूलिंग अपनाएं: निजी वाहन कम चलाएं।
- ऊर्जा बचाएं: बिजली का उपयोग विवेकपूर्ण तरीके से करें।
- कचरे का सही निपटान करें: जलाने से बचें।
- सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें: GRAP स्टेज 4 के नियमों का पालन हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
निष्कर्ष
दिल्ली-एनसीआर में GRAP स्टेज 4 लागू करना वायु प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक सख्त लेकिन आवश्यक कदम है। इसे सफल बनाने के लिए सरकार और जनता को मिलकर काम करना होगा। जब तक पर्यावरण के प्रति हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेगा, तब तक स्वच्छ हवा का सपना अधूरा रहेगा।