दिल्ली में इस बार वाल्मीकि जयंती को बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा, नंद नगरी निवासी और समाजसेवक सोनू ननिहाल की अगुवाई में पहली बार एक रैली यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। यह रैली 17 अक्टूबर 2024 को दिल्ली नंद नगरी में निकाली जाएगी। दिल्ली न्यूज़18 से बातचीत के दौरान सोनू ननिहाल ने कहा, “हम सबसे पहले हिन्दू हैं और फिर इंसान। राजनीतिक पार्टियाँ हमें जाति और वोट के आधार पर बांटने की कोशिश करती हैं, लेकिन हमें एकजुट होकर यह दिखाना है कि हम सब एक हैं।”
सोनू ननिहाल ने वाल्मीकि समाज के राष्ट्र निर्माण में दिए गए योगदानों का उल्लेख करते हुए कहा कि समाज ने हमेशा देश की सेवा की है और बड़े-बड़े योगदान दिए हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “हमारे समाज के डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भारतीय संविधान का निर्माण किया, जिसने हमें समानता और अधिकार दिए। अंबेडकर जी ने दलितों, पिछड़ों और समाज के कमजोर वर्गों के लिए बहुत संघर्ष किया, जिससे हमें आज एक सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार मिला है।”
सिर्फ अंबेडकर जी ही नहीं, वाल्मीकि समाज के अन्य लोग भी देश की सेवा में अग्रणी रहे हैं। उदाहरण के लिए, शाहू महाराज, जिन्होंने दलितों की शिक्षा के लिए बड़े कदम उठाए और उनकी भलाई के लिए कई योजनाएँ चलाईं। इसके अलावा, वाल्मीकि समाज के कई योद्धाओं ने स्वतंत्रता संग्राम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बताया, “आज भी वाल्मीकि समाज के लोग हर क्षेत्र में काम कर रहे हैं, चाहे वह सरकारी सेवा हो, व्यापार हो या कला का क्षेत्र।”
सोनू ननिहाल ने समाज के लोगों के बीच समानता की भावना को और मजबूत करने की बात करते हुए कहा कि वाल्मीकि समाज ने हमेशा से ही देश की उन्नति में सहयोग किया है। उन्होंने यह भी कहा कि समाज के सभी लोगों को एकजुट रहकर देश को आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारे समाज के लोगों ने अपनी मेहनत और लगन से यह साबित किया है कि हम भी देश की प्रगति में महत्वपूर्ण हैं। हमें राजनीति के आधार पर नहीं, बल्कि इंसानियत के आधार पर एक होना चाहिए।”
रैली के आयोजन के बारे में सोनू ननिहाल ने कहा, “यह रैली समाज के लोगों को एकजुट करने का एक प्रयास है। हम सभी को चाहिए कि इस वाल्मीकि जयंती पर प्रेम, सद्भाव और समानता का संदेश फैलाएं। हमें जाति-पाति में नहीं बँटना चाहिए, बल्कि एकजुट होकर राष्ट्र की सेवा करनी चाहिए।”
इस आयोजन में सोनू ननिहाल ने अपने समाज के लोगों का धन्यवाद किया और उन्हें प्रेरित किया कि वे इस रैली में शामिल होकर अपनी एकजुटता का परिचय दें। उन्होंने कहा, “हमारी ताकत हमारी एकता में है। जब हम सभी एकजुट रहेंगे, तो कोई भी हमें तोड़ नहीं सकता। वाल्मीकि समाज ने हमेशा से ही अपने कर्तव्यों का निर्वाह किया है और इस बार भी हम पूरे जोश के साथ वाल्मीकि जयंती मनाएंगे।”
इस वाल्मीकि जयंती पर, आइए हम सभी एकजुट होकर प्रेम और समानता का संदेश फैलाएं, और समाज के महान योगदानों को याद करते हुए इस दिन को विशेष बनाएं। जब हम सब साथ होंगे, तो हर मुश्किल का हल निकल आएगा और हमारा समाज भी और मजबूत बनेगा।