सांसद निर्मला सीतारमण ने आज संसद में प्रस्तुत किया 2024 का भारतीय बजट

आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 2024 का अंतरिम बजट पेश किया। चूंकि लोकसभा चुनाव होने हैं, इसलिए इसे सरकार का अंतिम बजट माना जा रहा है। स्वाभाविक रूप से सबके मन में यही सवाल है कि इस बजट में आम आदमी और कारोबारियों के लिए क्या खास है? आइए, विस्तार से इसे समझते हैं-

आम आदमी के लिए नया क्या है?

  • टैक्स राहत: इस बार बजट में कर संरचना में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि, पिछले साल मिली छूट कायम रहेगी। यानी 7 लाख रुपये तक की आय वालों को इनकम टैक्स नहीं देना होगा।
  • स्वास्थ्य: सरकार ने लड़कियों के लिए 9 से 14 साल के बीच गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान शुरू करने का ऐलान किया है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी हेल्थकेयर बजट में बढ़ोतरी की गई है।
  • शिक्षा: स्कूलों में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार 4,000 वाई-फाई स्टॉल स्थापित करेगी। इसके अलावा उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए बजट में आवंटन बढ़ाया गया है।
  • अन्य लाभ: गरीब और कमजोर तबके के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं में भी बजट वृद्धि की गई है। उदाहरण के लिए, उज्ज्वला योजना के तहत मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर पाने वालों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव है।
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कारोबारियों के लिए क्या बदलाव हुए?

  • स्टार्टअप को बढ़ावा: स्टार्टअप्स के लिए कर छूट की अवधि तीन साल बढ़ाकर सात साल करने का प्रस्ताव है। साथ ही, उन्हें रजिस्ट्रेशन और अनुपालन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं।
  • निर्यात को बढ़ावा: सरकार ने निर्यात बढ़ाने के लिए कई रियायतें देने का ऐलान किया है। इनमें रियायती ऋण, टैक्स छूट और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट शामिल हैं।
  • मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा: मेक इन इंडिया पहल को बल देने के लिए सरकार ने कुछ विशिष्ट क्षेत्रों में उत्पादन प्रोत्साहन योजनाओं (पीएलआई) का विस्तार करने का प्रस्ताव रखा है।
  • रोजगार सृजन: सरकार का दावा है कि इस बजट से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। उदाहरण के लिए, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास परियोजनाओं में बढ़ते निवेश से निर्माण क्षेत्र में रोजगार बढ़ने की उम्मीद है।

बजट की कमियां क्या हैं?

  • महंगाई पर कोई ठोस उपाय नहीं: देश में बढ़ती महंगाई एक बड़ी चिंता है। हालांकि, इस बजट में महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं।
  • कृषि क्षेत्र की उपेक्षा: बजट में कृषि क्षेत्र के लिए आवंटन में बढ़ोतरी तो की गई है, लेकिन कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह पर्याप्त नहीं है। किसानों के लिए आय बढ़ाने और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए और कदम उठाने की जरूरत है।
  • रोजगार सृजन पर अनिश्चितता: सरकार का दावा है कि इस बजट से रोजगार बढ़ेंगे, लेकिन यह कितना प्रभावी होगा, यह कहना मुश्किल है। आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, रोजगार सृजन के लिए नीतिगत सुधारों की ज्यादा जरूरत है।
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यह समझने के लिए कि बजट 2024 आम आदमी और कारोबारियों के लिए कितना लाभदायक है, पिछले साल के बजट के साथ तुलना करना महत्वपूर्ण है। यहां एक तालिका में कुछ प्रमुख क्षेत्रों की तुलना की गई है:

क्षेत्रबजट 2023बजट 2024लाभ/हानि
इनकम टैक्स छूट7 लाख रुपये7 लाख रुपयेकोई बदलाव नहीं
स्वास्थ्य बजट83,000 करोड़ रुपये87,000 करोड़ रुपयेमामूली वृद्धि
शिक्षा बजट93,224 करोड़ रुपये98,323 करोड़ रुपयेमामूली वृद्धि
स्टार्टअप्स के लिए टैक्स छूट3 साल7 साललाभ
निर्यात प्रोत्साहन1.75 लाख करोड़ रुपये2.25 लाख करोड़ रुपयेलाभ
पीएलआई योजनाओं का विस्तारनहींकुछ विशिष्ट क्षेत्रों में विस्तारलाभ

आम आदमी के लिए विश्लेषण:

  • टैक्स में कोई राहत नहीं मिली, लेकिन स्वास्थ्य और शिक्षा पर बजट बढ़ने से थोड़ा फायदा हो सकता है।
  • गरीबों और कमजोर तबके के लिए योजनाओं में वृद्धि भी सकारात्मक कदम है।
  • महंगाई पर ध्यान नहीं दिया जाना नुकसानदेह साबित हो सकता है।

कारोबारियों के लिए विश्लेषण:

  • स्टार्टअप्स के लिए टैक्स छूट की अवधि बढ़ाना और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए रियायतें देना कारोबारियों के लिए लाभदायक है।
  • पीएलआई योजनाओं का विस्तार कुछ क्षेत्रों के लिए मददगार हो सकता है।
  • रोजगार सृजन पर अनिश्चितता बनी रहना चिंता का विषय है।
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निष्कर्ष:

बजट 2024 में कुछ सकारात्मक बदलाव किए गए हैं, लेकिन यह आम आदमी और कारोबारियों के लिए उम्मीदों के अनुरूप पूरी तरह खरा नहीं उतरता है। महंगाई को नियंत्रित करने और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए और ठोस कदम उठाने की जरूरत है। आने वाले समय में इन नीतियों का देश की अर्थव्यवस्था और लोगों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।

नोट: यह केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है कृपया किसी भी निवेश निर्णय लेने से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें।

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