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तिलपता में बिजली के जर्जर तार से करंट लगने से दीपांशु बाल्मीकि की दर्दनाक मौत

नोएडा: तिलपता में नागर डेरी के पास एक दर्दनाक हादसे में दीपांशु बाल्मीकि की जान चली गई। घटना की वजह एनपीसीएल (नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड) के जर्जर तार का टूटकर गिरना बताई जा रही है। इस हादसे ने पूरे इलाके में शोक और आक्रोश की लहर दौड़ा दी है।

भारतीय किसान यूनियन मंच के प्रदेश अध्यक्ष मनमिंदर भाटी ने इस घटना की जानकारी दी और दीपांशु बाल्मीकि के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस तरह की लापरवाही माफ नहीं की जा सकती। जर्जर तारों की समय-समय पर जांच न होने की वजह से यह दुखद घटना घटी, जिसमें एक मासूम जिंदगी असमय काल के गाल में समा गई।

दीपांशु बाल्मीकि: सपनों से भरा एक युवा

दीपांशु बाल्मीकि एक होनहार और मेहनती युवा था, जिसके सपने अभी पूरे भी नहीं हुए थे। उसकी असमय मौत ने न केवल उसके परिवार को गहरे शोक में डूबो दिया है, बल्कि पूरे गांव को हिला कर रख दिया है। उसके माता-पिता, रिश्तेदार और दोस्त इस अपूर्णीय क्षति से सदमे में हैं।

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एनपीसीएल की लापरवाही पर उठे सवाल

इस हादसे ने एक बार फिर बिजली विभाग की लापरवाही को उजागर कर दिया है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि इलाके में बिजली के तार लंबे समय से जर्जर हालत में हैं, लेकिन उनकी मरम्मत और देखभाल पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में यह घटना प्रशासन की उदासीनता और लापरवाही का नतीजा है।

आवश्यक कदम और सुझाव

भारतीय किसान यूनियन मंच और स्थानीय लोगों ने एनपीसीएल से मांग की है कि:

  1. तारों की नियमित जांच हो: इलाके में सभी बिजली के तारों की समय-समय पर जांच और मेंटेनेंस किया जाए ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों से बचा जा सके।
  2. जर्जर तारों को बदला जाए: जिन क्षेत्रों में तार खराब स्थिति में हैं, उन्हें तुरंत बदला जाए।
  3. सुरक्षा उपाय अपनाए जाएं: खुले तारों और पोल्स पर सुरक्षा कवच लगाए जाएं, जिससे करंट लगने जैसी घटनाओं से बचाव हो सके।
  4. पीड़ित परिवार को मुआवजा दिया जाए: दीपांशु बाल्मीकि के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए और इस मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
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अंतिम शब्द

दीपांशु बाल्मीकि की असमय मृत्यु ने हम सभी को झकझोर कर रख दिया है। यह हादसा एक चेतावनी है कि अगर समय रहते एनपीसीएल ने अपनी ज़िम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं लिया, तो भविष्य में और भी मासूम जिंदगियां खतरे में पड़ सकती हैं। अब समय आ गया है कि प्रशासन इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाए, ताकि दीपांशु जैसी अनमोल जान की कुर्बानी दोबारा न देनी पड़े।

हम दीपांशु बाल्मीकि को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि उनके परिवार को इस कठिन समय में संबल प्रदान करें।

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