मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल – पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले से एक बार फिर दिल दहला देने वाली हिंसा की खबर सामने आई है। धुलियान इलाके में कट्टरपंथियों ने हिंदू परिवार के घर को लूटने, तोड़फोड़ करने के बाद आग के हवाले कर दिया। पूरा घर जलकर राख हो गया और अब परिवार के पास ना रहने की जगह है, ना ही कोई साधन।
धुलियान की पीड़िता ने कहा:
प्रजक्ता दास
“हम शांति और सुरक्षा चाहते हैं। हमारे घर जला दिए गए, अब हम स्कूल में शरण ले रहे हैं। हमारा सब कुछ खत्म हो गया।”
यह कोई पहली घटना नहीं है। बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार के दौरान इस तरह की घटनाएं बार-बार होती रही हैं। चूड़ी और कॉस्मेटिक्स की दुकान जलाना, हिंदू घरों पर हमले, पुलिस पर पत्थरबाज़ी जैसी घटनाएं अब आम होती जा रही हैं।
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राजनेताओं की चुप्पी और राज्य सरकार की नाकामी
सबसे चिंता की बात यह है कि इन घटनाओं पर राज्य सरकार और नेताओं की चुप्पी पीड़ितों के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। अब लोग सवाल पूछ रहे हैं – आखिर कब तक ममता बनर्जी की सरकार इन घटनाओं को नजरअंदाज करती रहेगी?
हजारों पीड़ित परिवारों की मांगें:
- हिंसा प्रभावित इलाकों में स्थायी केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती
- दोषियों पर सख्त कार्रवाई
- पीड़ितों को मुआवजा और पुनर्वास
- निष्पक्ष और तेज़ जांच
पूरे भारत में उठ रही है इस्तीफे की मांग
देशभर में सोशल मीडिया पर गुस्सा फूट पड़ा है। #ResignMamata और #MurshidabadBurning जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। हर नागरिक यह सवाल पूछ रहा है – क्या एक राज्य की मुख्यमंत्री इतनी असंवेदनशील हो सकती हैं? क्या हिंसा के शिकार हिंदू परिवारों को न्याय नहीं मिलेगा?
अब वक्त आ गया है कि केंद्र सरकार सख्त कदम उठाए। अगर राज्य सरकार शांति बनाए रखने में विफल हो रही है, तो केंद्र को आगे आकर कानून व्यवस्था संभालनी चाहिए।