दिल्ली पुलिस की हेड कांस्टेबल सीमा देवी और सुमन हुड्डा ने अपनी कठिन मेहनत और समर्पण से 9 महीने में 104 लापता बच्चों को उनके परिवारों से मिलवाकर न सिर्फ एक अद्वितीय मिसाल पेश की है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि न केवल कानून की ताकत से, बल्कि इंसानियत की ताकत से भी किसी समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।
सीमा देवी और सुमन हुड्डा की यह पहल सच में चमत्कारी है, क्योंकि राजधानी दिल्ली में हर साल सैकड़ों बच्चे लापता हो जाते हैं, और इन बच्चों को ढूंढना एक बड़ी चुनौती बन जाती है। लेकिन इन दोनों पुलिसकर्मियों ने अपनी टीम के साथ मिलकर इस चुनौती को स्वीकार किया और इसे न केवल हल किया, बल्कि 104 परिवारों को एक नई खुशी दे दी।
सीमा देवी ने इस सफलता के बारे में बात करते हुए कहा, “हमारी टीम ने 9 महीने में 104 लापता बच्चों को उनके परिवारों से मिलवाया है। ऐसा करके हम बेहद खुश हैं। मैं एक मां हूं और मैं उन माता-पिता का दर्द समझ सकती हूं, जिनके बच्चे लापता हो गए हैं, इसलिए हमें लापता बच्चों को ढूंढने में ज्यादा दिलचस्पी थी।”
सीमा देवी और सुमन हुड्डा का यह कार्य न केवल उनके प्रोफेशनलिज्म को दिखाता है, बल्कि यह उनके मानवीय पक्ष को भी उजागर करता है। ये दोनों पुलिसकर्मी न केवल कानून के रखवाले हैं, बल्कि बच्चों के प्रति अपनी संवेदनशीलता और स्नेह को भी महसूस करती हैं। उनके प्रयासों की वजह से बच्चों के खोए हुए परिवारों को अपने प्रियजन वापस मिले, जो किसी सपने से कम नहीं था।
दिल्ली पुलिस के उच्च अधिकारियों ने भी सीमा देवी और सुमन हुड्डा की इस पहल की सराहना की है। उन्होंने कहा कि इन दोनों की कार्यशैली और समर्पण ने न केवल पुलिस विभाग का मान बढ़ाया है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी भेजा है।
सीमा देवी और सुमन हुड्डा की यह सफलता एक प्रेरणा है, और यह दर्शाती है कि जब किसी कार्य को पूरी ईमानदारी और निष्ठा से किया जाता है, तो उसमें किसी भी तरह की विफलता नहीं होती। उनका यह कार्य न केवल दिल्ली पुलिस के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत करता है कि इंसानियत और प्रेम के साथ किया गया हर काम सफल होता है।
इस सफलता ने दिल्ली पुलिस को एक नई पहचान दिलाई है, और अब यह दोनों हेड कांस्टेबल बच्चों के परिवारों के लिए एक उम्मीद की किरण बन चुकी हैं।